Sanatan Dharma Sangathan Panipat : सनातन धर्म संगठन की ओर से संवाद संगोष्ठी ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’ का आयोजन

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Sanatan Dharma Sangathan Panipat
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Aaj Samaj (आज समाज), Sanatan Dharma Sangathan Panipat,पानीपत : सनातन धर्म राष्ट्र रक्षा विषय पर सोमवार को सनातन धर्म संगठन रजि. पानीपत की ओर से एक संवाद संगोष्ठी ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’ का आयोजन महाराजा अग्रसेन चौक, सेक्टर 25, हुडा स्थित पाल्म लग्जरी बैंक्वेट में किया गया, जिसमें मौजूदा समय में सनातन धर्म के सामने आई चुनौतियों के बारे में विचार विमर्श किया गया। जिसमें भारतवर्ष के महान संतों महापुरुषों ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने सनातन धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि सनातन धर्म सृष्टि के अनादि से है और यह अनंत काल तक रहेगा इसका प्रारंभ अन्य धर्मों की तरह किसी एक व्यक्ति विशेष ने नहीं किया बल्कि यह ब्रह्मांड के सार्वभौम सत्य पर आधारित है।

हम धर्म की रक्षा करेंगे तो ही धर्म हमारी रक्षा करेगा

उन्होंने कहा कि धर्म सिर्फ एक है वह है सनातन धर्म बाकी सभी मजहब और मत हैं। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि हम केवल अपने धर्म पर गर्व करते रहें और इस पर उपस्थित संकटों को देखकर चुप रहें। उन्होंने कहा कि आज सनातन धर्म के सामने सबसे बड़ी चुनौती स्वयं इसका पालन करने वालों से है जो कि धर्म का स्वरूप सही नहीं समझते। भक्ति के नाम पर देवाताओं के स्वरूप में फूहड़ नृत्य और गीत से समाज में गलत संदेश जाता है और सच्चे भक्तों का हृदय दुखता है। इसके अतिरिक्त आज के समय में समाज में देखादेखी से मृत्यु भोज की परम्परा भी बढ़ती जा रही है, जिससे गरीब व्यक्ति को भी कर्जा लेकर इस गलत परम्परा का निर्वाह करना पड़ता है ऐसे मृत्युभोज का कोई आध्यात्मिक औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गृहस्थ को चाहिए कि वह अपने बच्चों को सनातन धर्म की शिक्षा दे जिसके अभाव में नई पीढ़ी धर्म से दूर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि हम धर्म की रक्षा करेंगे तो ही धर्म हमारी रक्षा करेगा।

अंत में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ

इस अवसर पर ज्ञानदेव सिंह महाराज निर्मल आखाड़ा पीठाधीश्वर, अरूण देव महाराज जगन्नाथ धाम हरिद्वार, वेद गोस्वामी, ब्रह्मर्षि श्रीनाथ महाराज, विजय वशिष्ठ ने भी अपने विचार रखे। अंत में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ, जिसमें आए हुए लोगों ने अपने मन के सवाल पूछे तथा संत महापुरूषों ने अपने जवाब से उन जिज्ञासाओं को शांत किया। इस अवसर पर सनातन धर्म की सेवाओं के लिए जय प्रकाश मलिक, मुकेश सिंगला एवं दर्शन शर्मा का विशेष रूप से सम्मान किया गया। इस अवसर पर प्रधान कृष्ण रेवड़ी, अंजू भाटिया, विनोद धमीजा, प्रीतम सिंह सचदेवा, रमेश माटा, भीम सचदेवा, गजेन्द्र सलूजा, आर.एन.रावल, रमेश चुघ, अशोक नारंग, कृष्ण गोपाल सेठी, वेद शर्मा, युद्धवीर रेवड़ी, जवाहर जुनेजा, पंकज आहुजा, किशन लाल शर्मा, सतीश गुप्ता, अशोक बांगा, सुभाष गुलाटी आदि उपस्थित थे।