दस साल बाद भी गढ़ी सांपला की पंचायत के नाम ही रहबरे आज़म दीनबंधु परिसर की सात एकड़ जम़ीन

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Family Land in the Name of Panchayat of Sampla
Family Land in the Name of Panchayat of Sampla
  • साढ़े पांच  साल पहले एडीसी ने सरपंच को बुला जम़ीन हरियाणा विकास प्राधिकरण के नाम करवाने को बोला
  • जम़ीन के बदले सरपंच ने रखी थी तीन मांग ,जिनका नहीं हुआ आज तक कोई समाधान

प्रवीन दतौड, Sampla News: 
कस्बे के दिल्ली रोड़ स्थित रहबरे आज़म दीनबंधु चौ.छोटूराम स्मारक परिसर की सात एकड़ जम़ीन दस साल बीत जाने के बाद भी ग्राम पंचायत के नाम है। परिसर को 2011 में करोड़ों रूपये की लागत से बनाया गया था। 2012में परिसर का एक भवन आर्केलॉजी को हैंडऑवर कर दिया गया। जिसमें दिनबंधु चौ.छोटूराम से जुड़ी स्मृतियां रखी गई। वहीं दूसरे भवन को हरियाणा टूरिज्म कार्पो. को दिया गया। जिसमें दीनबंधु चौ.छोटूराम टूरिस्ट कांपलेक्स बनाया गया। टूरिस्ट कांपलेक्स को लगातार हो रहे घाटे के चलते बंद कर दिया गया। लाखों रूपए की लागत से बना कांपलेक्स अब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।

पंचायत की तीन मांगे नहीं मानी इस लिये नहीं करवाई ज़मीन नाम

गढ़ी सांपला के सरपंच सजंय का कहना है कि 2016 में एडीसी प्रदीप डागर ने उन्हे बुलाकर विभाग के नाम जम़ीन करवाने की बात कही थी। लेकिन तीन  शर्त जम़ीन नाम करवाने के लिये पंचायत द्वारा रखी गई। साढ़े पांच साल गुजर जाने के बाद भी वे मांगे नहीं मानी गई। पहली मांग गढ़ी सांपला के ग्रामींणों को कांपलेक्स टूरिस्ट में कार्यक्रम आयोजित करने पर विशेष छूट दी जाये। दूसरी रहबरे आज़म दीनबंधु चौ.छोटूराम स्मारक परिसर गांव के युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त किया जाये। परिसर में गांव के एक भी युवा को कोई नौकरी सरकार द्वारा नहीं दी गई है। तीसरी मांग गढ़ी -सांपला की तरफ भी एक बड़ा गेट लगाया जाये ताकि ग्रामींण पार्क में सुबह- शाम वॉक कर सके।

केंद्रीय मंत्री भूल गया वायदा

पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री व चौ.छोटूराम के नाती विरेंद्र सिंह ने गांव  के बरसाती पानी व गंदे पानी की निकासी के लिये जुलाई 2016 में नाला बनवाने का वायदा किया था। यह नाला गांव से निकलने वाले गंदे पानी के साथ बरसाती पानी की निकासी के लिये बनाया जाना था। बाकायादा इसका एस्टीमेट भी बनवाया गया। डेढ़ किलोमीटर नाले के निर्माण पर करीब 58 लाख रूपये खर्च होने का एस्टीमेट बनाया गया था। नाला रोहद ड्रेन में जाकर मिलने का प्रपोजल बनाया गया। इस नाले के निर्माण के बाद गांव के चारों तरफ जमे बरसाती पानी व घरो से निकलने वाले गंदे पानी की समस्या से ग्रामींणों को राहत मिलती।

तालाबों का गंदा पानी पीने से बिमार

गंदे पानी की उचित निकासी नहीं होने के चलते गांव में बने तालाबों में घरो से निकलने वाला गंदा पानी मिल रहा है। जिसके चलते मवेशियों को साफ पीने का पानी नहीं मिल रहा। तालाबों का गंदा पानी पीने के चलते मवेशी बिमार हो रहे है। सरपंच संजय के अनुसार आज भी गांव की कई गलियां बजट के अभाव में कच्ची पड़ी हुई है। सरकारी अमला सांपला के विकास तक ही सिमित रह गया जबकि रहबरे आज़म की जन्मस्थली विकास का इंतजार कर रही है।