Aaj SAmaj (आज समाज), Same Sex Marriage, नई दिल्ली: समलैंगिक विवाह यानी सेम-सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने की मांग वाली याचिका की सुनवाई से पांच में से दो जज जस्टिस संजय किशन कौल और रवींद्र एस भट ने खुद को अलग कर लिया है, जिसके बाद सोमवार यानी 24 अप्रैल को होने वाली सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं है। 21 अप्रैल को मामले की सुनवाई का चौथा दिन था।
सभी से सोमवार तक अपना पक्ष रखने को कहा गया था
कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं को कहा था कि वे सोमवार तक अपनी-अपनी बातें कोर्ट में रख दें, ताकि केंद्र और अन्य जवाबदेह पार्टियां अगले हफ्ते में अपना पक्ष रख सकें। 20 याचिकाओं की मांग पर 20 अप्रैल को करीब 4 घंटे तक याचिकाकर्ताओं की ओर से दी गई दलीलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या शादी के लिए दो अलग जेंडर वाले पार्टनर्स का होना जरूरी है?
सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने रखा केंद्र का पक्ष
केंद्र का पक्ष सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने रखा था। सेम सेक्स मैरिज के पक्ष में लगाई गई याचिकाओं की पैरवी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी ने की थी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने की थी।
सीजेआई ने दी थी ये हिदायत
तीसरे दिन की सुनवाई खत्म करते हुए CJI चंद्रचूड़ ने आगे बहस करने के लिए 13 वकीलों के नाम गिनाए थे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस हर हाल में सोमवार को खत्म होनी चाहिए। इसके लिए वकील आपस में चर्चा करके समय का बंटवारा कर लें।
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