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‘SAMANA SAWALO KA’ Karn Chautala with ITV Network multimedia Editor-in-Chief Ajay Shukla: ड्राइंग रूम की राजनीति नहीं करते : कर्ण चौटाला

अंबाला। हम तो जनता के बीच में रहने वाले हैं, ड्राइंग रूम की राजनीति नहीं करते। आज एक बात और बताना चाहूंगा कि यदि परिवारवाद की बात कोई बार-बार कहता है तो हम लोग परिवारवाद की वजह से राजनीति नहीं कर रहे हैं। हम लोगों ने हमेशा जनता के हित की लड़ाई लड़ी है। परिस्थितियां कुछ ऐसी थीं कि मुझे जिला परिषद का चुनाव लड़ना पड़ा, वह सभी को पता है कि हमारे परिवार के खिलाफ एक कुचक्र रचा गया था। उस समय पार्टी को एक जरूरत थी और पार्टी का फैसला था। पार्टी हाईकमान जो फैसला करेगी, उसे हमें मानना पड़ेगा। अगर कोई यह सोचता है कि परिवारवाद की बात करते हैं तो डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, वकील का बेटा वकील और बिजनेस मैन का बेटा बिजनेस मैन बन सकता है तो एक राजनीतिक परिवार का लड़का राजनीति में क्यों नहीं आ सकता। अगर किसी ने ट्रैक्टर पर लगने वाले टोल टैक्स को बंद करवाया है तो वे चौधरी देवीलाल हैं। अगर किसानों के हित की किसी ने लड़ाई लड़ी है तो चौधरी देवीलाल ने लड़ी है।  अगर हमें मौका मिला तो चाहे तीन लाख हो या फिर प्रदेश के हर युवा को नौकरी देने का काम करेंगे। इंडिया न्यूज हरियाणा पर सामना सवालों का में समूह संपादक (मल्टी मीडिया) अजय शुक्ल के सवाल का इंडियन नेशनल लोकदल युवा विंग के नेता कर्ण चौटाला जवाब दे रहे थे। प्रस्तुत हैं समूह संपादक जी के साथ कर्ण सिंह चौटाला के बातचीत के प्रमुख अंश।

सवाल: चौधरी देवीलाल ने परिवारवाद के खिलाफ एक समय में लड़ाई लड़ी थी। उस लड़ाई पर पूरे देश में चर्चा होती थी कि कांग्रेस परिवारवाद से जूझ रही है। आप लोग क्या आज वही नहीं कर रहे हैं।
जवाब: जननायक चौधरी देवीलाल ने जो कहा था, उसी आधार पर हमारे पिछले दो युवा विंग के कार्यक्रम सोनीपत और यमुनानगर में हुए। ऐसा कहा जाता था वह (चौधरी देवीलाल) हरियाणा और पंजाब को अलग कराना चाहते थे, इसलिए वह ऐसा कह रहे हैं। मैंने भी मंच के माध्यम से यह बात कही है। अगर किसी को कोई गलतफहमी है तो कर्ण सिंह चौटाला यह चुनाव नहीं लड़ेगा।

 

सवाल: कर्ण सिंह चौटाला ने चार साल पहले जब राजनीति में कदम रखा था, अभय सिंह चौटाला जिनके नाम को हरियाणा में एक दबंग राजनीतिक के तौर पर देखा जाता है, उनके सुपुत्र हैं। क्या आप उस छवि के दबंग हैं।
जवाब: जी नहीं, यह वही बात है कि हमारे खिलाफ एक प्वाइंट आॅफ व्यू बना दिया गया है। कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने एक बात बार-बार रखी, उसे जनता के बीच में ले जाकर दोहराने का काम किया गया है। मुझे ऐसा कोई एक वाक्या बता दें कि सिवाय भाजपा और कांग्रेस के नेता को छोड़कर। हम तो जनता के बीच में रहने वाले हैं, ड्राइंग रूम की राजनीति नहीं करते। आज एक बात और बताना चाहूंगा कि यदि परिवारवाद की बात कोई बारी-बारी कहता है तो हम लोग परिवारवाद की वजह से राजनीति नहीं कर रहे हैं। हम लोगों ने हमेशा जनता के हित की लड़ाई लड़ी है। परिस्थितियां कुछ ऐसी थी कि मुझे जिला परिषद का चुनाव लड़ना पड़ा, वह सभी को पता है कि हमारे परिवार के खिलाफ एक कुचक्र रचा गया था। उसे समय पार्टी को एक जरूरत थी और पार्टी का फैसला था। पार्टी हाईकमान जो फैसला करेगी, उसे हमें मानना पड़ेगा। अगर कोई यह सोचता है कि परिवावाद की बात करते हैं तो डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, वकील का बेटा वकील और बिजनेस मैन का बेटा बिजनेस मैन बन सकता है तो एक राजनीतिक परिवार का लड़का राजनीति में क्यों नहीं आ सकता। शायद किसी को पहली बार परिवार के नाम पर वोट मिल जाएगा, लेकिन दूसरी बात अपने काम की बदौलत ही वोट मिलेगा।
सवाल: सिरसा में कोई और व्यक्ति योग्य नहीं था कि वह सिरसा में जिला परिषद का प्रमुख बन सके।
जवाब: जिला परिषद का प्रमुख मैं नहीं हूं, वाइस प्रेसिडेंट हूं। प्रमुख महिला के रिजर्व हैं और वह हमारी पार्टी से हैं। लोगों की इच्छा थी और बहुमत मिला, परिणााम सभी के सामने हैं। लोगों ने बहुमत इसीलिए दिया कि हम पर उनका विश्वास है।
सवाल: इसका मतलब यह है कि कर्ण चौटाला फैसले करते हैं।
जवाब: फैसले मैं नहीं करता, फैसले तो पार्टी करती है। हम तो पार्टी के फैसले को सिर्फ निभाते हुए आगे बढ़ाते हैं।
सवाल: कर्ण आपने लंदन में बिजनेस मैनेजमेंट पढ़ा है, यह सब करने के बाद आज गांव-गवंई की राजनीति कर रहे हैं। उसकी राजनीति आप कर रहे हैं जिसकी राजनीति आपके परदादा किया करते थे। किसान राजनीति की बात आप करते हैं, क्या किसान राजनीति आपको समझ में आती है।
जवाब: जी हां, किसान राजनीति मुझे बखूबी समझ में आती है। क्योंकि राजनीति में आने से पहले जब मुझे सिरसा की जिम्मेदारी मिली थी तो मैंने खेती भी संभाली है। इसी बात पर एक बात करना चाहूंगा कि कुछ दिन पहले धनखड़ ने एक बात की थी कि चौधरी चरण सिंह और चौधरी देवीलाल ने किसानों के नाम पर सिर्फ वोट लिया है, कुछ किया नहीं। धनखड़ ने चार साल में क्या किया है पहले वह यह बताएं।
सवाल: धनखड़ कहते हैं कि पंडित नेहरू के हरित क्रांति के बाद में यदि किसी ने हरित क्रांति को और अधिक बढ़ाया है तो नरेंद्र मोदी और खुद उन्होंने इसमें योगदान दिया है।
जवाब: वर्ष 2013 में धनखड़ ने बयान दिया था कि स्वामीनाथन रिपोर्ट 2006 में बनकर तैयार हुई थी, नरेंद्र मोदी की सरकार में उसे जारी किया जाएगा जो आज तक जारी नहीं हुई।
सवाल: हमारे मंच पर धनखड़ ने कहा कि स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हम किसानों को लेकर इतने संजीदा हैं कि किसानों की आय हमने डबल कर दी है।
जवाब: धनखड़ मंच पर आए और मेरे से बात करें। आपके सामने और मंच पर बोलकर चले जाते हैं, मैं तो उम्र में छोटा हूं, मेरे से बड़ों से बाद में बात करना, पहले मेरे से बात करें तो मैं यह कहूंगा कि आप चौधरी चरण सिंह और चौधरी देवीलाल पर जो आरोप लगाया है, आपको उसके लिए माफी मांगनी पड़ेगी। अगर किसी ने ट्रैक्टर पर टोल टैक्स बंद करवाया है तो वे चौधरी देवीलाल थे। चौधरी देवीलाल ने ही किसानों के हित की लड़ाई लड़ी।
सवाल: भारत कृषि प्रधान देश है, वह कहते हैं कि किसानों को हमने जितना दिया है, उतना आजादी के बाद से अब तक किसी ने नहीं दिया।
जवाब: वह (धनखड़) मंच पर आएं और बात करें, कैमरे पर पीछे बैठकर क्यों बात करते हैं। मेरा तो खुला चैलेंज है, अगर वह नहीं आए तो मैं यह वादा करता हूं कि युवा विंग उनका (धनखड़ का) घेराव करेगा, चाहे वह हमें मंच पर मिल जाए, या फिर उनके घर पर ही क्यों न जाना पड़े।
सवाल: इंडियन नेशनल लोकदल में आप युवाओं का चेहरा बनाए गए हैं, आप युवाओं को लेकर लड़ने की बात करते हैं, लेकिन युवाओं के लिए आपकी थैली में है क्या।
जवाब: अगर हमारी थैली में कुछ नहीं था, तो हमारा दादा जेल में क्यों बैठे हैं। हमने तो यह बात खुलकर कही कि आज सभी वर्ग के लिए शायद दादा जी जेल काट रहें हैं। अगर हमें मौका मिला तो चाहे तीन लाख हो या फिर प्रदेश के हर युवा को नौकरी देने का काम करेंगे। बेरोजगारी भत्ते की बात हमने कही, इन्होंने (भाजपा ने) आज तक नहीं दिया। एक बात मैं यह कहना चाहूंगा कि मेरे प्रदेश की 150 से अधिक बहनों को नहर पर पानी खोलने के लिए लगा दिया, क्या उन बहनों का यह काम है कि वह नहर पर जाकर पानी खोलें और बंद करें। अगर योग्यता के आधार पर आपको लगता है तो आप उन्हें दफ्तर में बिठाएं।
सवाल: जब बात आती है युवाओं की, आपकी पार्टी ने आपको युवा विंग का जिम्मा सौंपा है, क्योंकि आज हरियाणा में सबसे अधिक तादात युवाओं की है और युवा बेरोजगार है। ऐसी स्थिति में युवा को आप कैसे अपना बना पाएंगे।
जवाब: जब ऐसे-ऐसे मुख्यमंत्री बन जाएंगे, जिन्होंने कभी इन चीजों के बारे में सोचा नहीं। अगर सही मायने में मानकर चलें तो पिछले 15 वर्ष में नौकरी में हरियाणा का बहुत पिछड़ापन देखने को मिला। हमने इस बार पार्टी में यह प्रस्ताव रखा है और पार्टी ने मंजूर किया है कि इंडियन नेशनल लोकदल की सरकार बनने पर जितनी भी प्राइवेट कंपनी है, उसको हरियाणा प्रदेश के युवाओं को नौकरी देने के लिए एक कोटा देना पड़ेगा। आज दूसरे प्रदेश के बच्चे यहां आकर नौकरी कर रहे हैं और हमारे बच्चे बेरोजगार बैठे हैं।
सवाल: वह कहते हैं 1966 से लेकर अब तक इतिहास में जितनी नौकरियां दी गई थीं, उतनी अपने मात्र पांच साल के कार्यकाल में नौकारियां देने का काम किया है।
जवाब: ऐसे में तो हमें लगता है कि पूरे भाजपा का चार सौ साल की जेल काटनी पड़ेगी। नौकरी देना जरूरी नहीं है, उनकी योग्यता के आधार पर देना जरूरी है।
सवाल: वह कहते हैं कि इससे पहले नौकारियां देने में खर्ची और पर्ची चलती थी, भारतीय जनता पार्टी और मनोहर सरकार आने के बाद यह बंद हो गया।
जवाब: कोई बताए कि जो 3206 लगे थे, उनको हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रमोशन क्यों दिया गया, निकाला क्यों नहीं गया। यह तो हमारे खिलाफ एक साजिश रची गई थी। सीबीआई की रिपोर्ट में लिखा है कि एक भी पैसे का लेनदेन नहीं हुआ। फिर तो आप (भाजपा सरकार) तो अपनी ही जांच एजेंसी के ऊपर सवाल उठा रहे हैं, अगर ऐसा है तो पहले चौटाला को जेल से बाहर लाया जाए। अगर इनकी (भाजपा) बात है तो सबूत के साथ आपको लाकर दूंगा।

सवाल: आपके ताऊ जी के लड़के को पार्टी ने युवा का चेहरा बनाकर कमान सौंपी थी और सांसद के लिए टिकट दिया और सांसद बनाया। क्या ऐसी बात हो गई कि वह परिवार बिल्कुल अगल चलाया गया और बिखराव की स्थिति आ गई।
जवाब: इस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, इस बारे में उनसे पूछा जाए तो ठीक रहेगा। वह मेरे से बड़े हैं, आज भी मैं उनका उतना ही मान-सम्मान करता हूं, जितना पहले करता था।
सवाल: वह कहते हैं कि जो इनेलो में युवा होता था, वह आज दुष्यंत चौटाला की जजपा में है।
जवाब: वह उनकी सोच है। मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करता। वक्त आएगा तो बता देगा, पिछले चुनाव में सभी को पता भी लग गया।
सवाल: आज जजपा आपके लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल एक प्रतिशत में सिमट गया और वह छह फीसदी तक पहुंच गए।
जवाब: कोई चिंता न करे, वक्त-वक्त की बात होती है। लोगों को यह एहसास हो गया कि कौन कहां पर है। उन्होंने बारी-बारी नाम लेकर यह बात कही कि चौटाला साहब हमारे साथ खड़े हैं। वह कहते हैं कि हम जेल में मिले, एक बार भी वह चौटाला साहब से मिलकर आए। जब दादी एडमिट थी तो वह एक बार भी मिलने नहीं आए। मैं आपके हर बात का जवाब दे दूंगा, लेकिन यहां पर पारिवारिक मुददे को नहीं उठाउंगा। यहां पर राजनीतिक चर्चा करने आया हूं, उस पर मैं ज्यादा बात करूंगा।
सवाल: एक परिवार का हिस्सा पूरे राजनीति पर कब्जा करना चाहता है, यही हाल दूसरे परिवार के सदस्यों का है। चौधरी देवीलाल की विरासत पर दोनों हक जमाना चाहते हैं। चौधरी देवीलाल का असली वारिस कौन है।
जवाब: चौधरी देवीलाल की विरासत पर कोई हक नहीं जमा सकता। उनकी विरासत पर तो वही जो उनकी सोच को आगे बढ़ाएगा, उसे हरियाणा की जनता खुद अपना लेगी।
सवाल: आपकी भी सरकार हरियाणा में रही, किसानों के लिए आपने क्या किया। क्या आप कुछ बता पाएंगे।
र जवाब: अगर सबसे ज्यादा मुआवजा कभी दिया गया तो हमारे सरकार के कार्यकाल में दिया गया। अगर यह कहते हैं कि हमने सबसे ज्यादा मुआवजे दिए हैं तो इनको मेरे साथ मंच पर लाकर खड़ा कर दें, मंच पर किसानों को बुलाना चाहूंगा, किसान अपना दुख-दर्द अपनी जुबान से बयां करेगा।
सवाल: नहीं वह तो आंकड़े देते हैं कि सबसे ज्यादा मुआवजा दिया है।
जवाब: आंकड़े मैं लिखकर दे देता हूं, पहले हरियाणा में गेहूं का जो भी दाम होता था एक निर्धारित राशि दी जाती थी। किसानों की फसल अच्छी हुई है, उस प्रोत्साहन को राशि देना बंद कर दिया। जबकि एक ड्राई स्टेट माना जाने वाला राजस्थान किसानों को प्रोत्साहन राशि मुहैया करा रहा है। वहीं पंजाब भी किसानों को अधिक से अधिक लाभ दे रहा है, लेकिन मौजूदा हरियाणा सरकार किसानों की अनदेखी करने पर आमादा है।
सवाल: कहा जाता था कि उत्तर प्रदेश में जाट की राजनीति राष्टÑीय लोकदल के पौत्र करते हैं और जब हरियाणा की बात आती थी तो इंडियन नेशनल लोकदल करता है और जब यहां देखा जो वोट बैंक का बड़ा सिग्मेंट आपके साथ रेगुलर रहता था, वह जाटों का था। बीते कुछ वर्ष में जाट आपसे छिटक सा गया है। जहां घोर जाट बेल्ट थी, वहां भी आप चुनाव हारे हैं। यह स्थिति क्यों हो रही है।
जवाब: आपको स्मरण कराना चाहूंगा कि चौधरी देवीलाल जी भी एक समय में आंकड़े हैं कि 24 में से 12 चुनाव जीते थे। चुनाव हारने का मतलब यह नहीं कि लोग आपसे दूर हो गए। जाट आरक्षण के समय अगर किसी ने सबसे अधिक स्टैंड लिया तो इंडियन नेशनल लोकदल ने लिया। सभी विधायक एकत्र होकर उस मंच पर गए थे, जिसमें हर जाति और बिरादरी के विधायक शामिल थे। हमने भाईचारे को बनाने के लिए यह स्टैंड लिया था।
सवाल: आप भाईचारे को बनाने की बात करते हैं। यहां मनोहर लाल चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और वह कहते हैं कि उनके साथ उनकी सोशल इंजीनियरिंग वर्क कर रही है। वह छत्तीस बिरादरी नहीं, बल्कि हर बिरादरी के साथ होने की बात कर रहे हैं, कोई भी उनसे अलग नहीं है।
जवाब: छत्तीस में तो सभी बिरादरी आ गई।
सवाल: इसीलिए मैं कह रहा हूं कि उस सोशल इंजीनियरिंग में सभी 36 हैं। आप कहां पर खड़े हैं।
जवाब: हमारे संगठन में सभी 36 बिरादरी है। हमारे समय में जब 36 विधायक बने थे तो मैं बताना चाहूंगा कि 22 विधायक एससी/एसटी थे। मेरा कहने का यह मतलब नहीं है कि वह जाति बिरादरी से अलग हैं।
सवाल: अनिल विज कह रहे हैं कि खिलाड़ियों को बहुत अच्छा पौष्टिक भोजन मिल रहा है। विज कहते हैं उनका सारा इंफ्रास्क्चर मिल रहा है। खिलाड़ियों को उनके गांव के करीब खेलने की सुविधाएं मिल रही हैं। आप कहते हैं कि खिलाड़ियों को ऐसा कुछ नहीं मिल रहा है।
जवाब: मैं यही तो कहता हूं कि कोई उनको (अनिल विज को) मेरे सामने लाए। मैं हरियाणा के खिलाड़ियों से निवेदन करके आमंत्रित करूंगा। विज को इस बात की जानकारी भी नहीं है कि जब जकाटा में एशियन गेम हुए थे तो वहां पर खिलाड़ियों को जो एलाउंस दिया जाता है वह कैश है। अबकी बार उनके (खिलाड़ियों को) एक्सिस बैंक के कार्ड बनवा दिए गए। कई ऐसे खिलाड़ी थे जो गेम खत्म करके वापस आ चुके थे, फिर उन खिलाड़ियों के कार्ड बनकर पहुंचे हैं।

 

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