रोहतक: शहीदी दिवस पर किया शहीदों को नमन

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संजीव कुमार, रोहतक:
आॅल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन ने आज अपने कैंप आॅफिस मेट्रो पिल्लर नंबर 786 पर महान देशभक्त, इंकलाबी योद्धा, उधम सिंह का 81वां शहीदी दिवस बड़ी श्रद्धा व आदर से मनाया। उनके फोटो पर माल्यार्पण किया तथा क्रांतिकारी सलाम पेश किया।
इस अवसर पर संगठन के राज्य कमेटी सचिव जयकरण मांडौठी ने बताया कि 31 जुलाई 1940 को इस महान देशभक्त को फांसी दी गई। फांसी से पहले उन्होंने ऊंची आवाज में तीन बार इंकलाब- जिंदाबाद कहा और ब्रिटिश साम्राज्यवाद मुदार्बाद का नारा लगाया। जब उधम सिंह 18- 20 साल के थे, उन दिनों देश के लोग भूख, गरीबी, बीमारी और गुलामी से त्रस्त थे। पंजाब में नहरी पानी पर टैक्स बढ़ा दिया था। आंदोलन कुचलने के लिए उसी समय रोलेट एक्ट लाया गया। जुल्म, अत्याचार और दमनकारी कानूनों का पंजाब समेत सारे देश में विरोध हो रहा था। 13 अप्रैल 1919 बैसाखी के दिन इस एक्ट के विरोध में अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक जनसभा हो रही थी। ब्रिटिश जनरल ई. एच. डायर ने बाग को फौज से घेरकर हजारों लोगों को गोलियों से भून दिया। लाशों के ढेर लगा दिए। अनेकों घायल हुए। उधम सिंह इन अत्याचारों के गवाह थे। उन्होंने महसूस किया कि मारे गए सारे लोग उनके अपने मां -बाप, भाई- बहन जैसे थे। लोगों के प्रति असीम प्यार व लगाव ने उनके मन में साम्राज्यवादियों के खिलाफ नफरत भर दी। 13 मार्च 1940 को लंदन की एक सभा में जलियांवाला बाग के भीषण नरसंहार के लिए जिम्मेदार पंजाब के उपराज्यपाल रहे, सर माईकेल ओ. डायर को अपने पिस्तौल का निशाना बनाकर उन्होंने प्रतिवाद की गूंज सारी दुनिया में पहुंचा दी। रामकिशन ने कहा कि वे एक सच्चे देशभक्त, ईमानदार, लगन के पक्के, उच्च चरित्रवान, जुल्म अत्याचार से टक्कर लेने वाले क्रांतिकारी योद्धा थे। उनमें देश प्रेम कूट-कूट कर भरा था। वे सब के दुख तकलीफों को अपना समझते थे। वे सांप्रदायिक एकता के प्रतीक थे।
कमेटी सदस्य शिव प्रसाद मौर्य ने सरकार से मांग की कि महान क्रांतिकारी, आजादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले शहीदों की जीवनी तथा उनका जीवन संघर्ष, स्कूल कॉलेजों के सिलेबस में शामिल किया जाए। उनके नाम पर लाइब्रेरी बनाएं तथा सड़कों, पार्कों के नाम रखें।
विजय कुमार ने कहा कि आज उनके सपने अधूरे हैं। देश के मजदूर -किसान समेत तमाम मेहनतक लोग घोर गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी व महंगाई से त्रस्त हैं। भाई भाई में धर्म, जाति, भाषा व इलाके के नाम पर फूट डाली जा रही है। इनके खिलाफ आवाज उठाने वालों को देशद्रोही तक कहा जा रहा है। देश में आज फिर मेहकश लोगों की हालत वैसी ही है, जैसी अंग्रेजी राज में थी। कृष्ण कुमार ने बताया कि किसान 8 महीने से सड़कों पर बैठे हैं। वे काले कृषि कानूनों , बिजली संशोधन बिल 2020 के रद्द करने, तथा एमएसपी को कानूनी दर्जा देकर तथा फसल खरीद की गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। इस अवसर पर रामकिशन, शिव प्रसाद मौर्य, विजय मांडौठी, महेश कुमार, कृष्ण कुमार, राज सिंह किरियावाला, गुरजंट सिंह, बूटा सिंह, बिंदर सिंह, बंता सिंह तथा अन्य कई साथी उपस्थित थे।