नई दिल्ली। केंद्र में एनडीए की सरकार है और केंद्र सरकार द्वारा एयर इंडिया को बेचने की कवायद लगातार तेज हो रही है। लेकिन भाजपा के ही बड़े नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एयर इंडिया को बेचने के केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध किया है। यहां तक कि सुब्रमण्यम स्वामी अपनी ही सरकार के इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात तक कही है। बता दें कि एयर इंडिया करीब 58 हजार करोड़ के कर्ज में दबी है और वित्त वर्ष 2018-19 में 8,400 करोड़ रुपये का जबरदस्त घाटा हुआ है। एयर इंडिया को ज्यादा आॅपरेटिंग कॉस्ट और विदेशी मुद्रा में घाटे के चलते भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।
केंद्र की मोदी सरकार ने एयर इंडिआ को बेचने के लिए सोमवार को प्रारंभिक जानकारी वाला मेमोरंडम जारी कर दिया है। स्वामी ने कहा कि यह सौदा पूरी तरह से देश विरोधी है और मुझे कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हम परिवार की बेशकीमती चीज को नहीं बेच सकते। एयर इंडिया को बेचने संबंधी सवाल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बड़े वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जब सरकारों के पास पैसा नहीं है तो वे यही करती हैं। भारत सरकार के पास पैसा नहीं है, विकास दर पांच फीसदी से कम है। मनरेगा में में भी लाखों रुपये बकाया हैं। ये हमारी सभी मूल्यवान संपत्तियां बेंच देंगे। मोदी सरकार द्वारा जारी बिड डॉक्युमेंट के मुताबिक, एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसदी हिस्सेदारी और जॉइंट वेंचर एआईएसएटीएस में 50 फीसदी शेयर बेचेगी। इसके लिए 17 मार्च तक बोलियां मांगी गई हैं। हालांकि अभी तक केवल दो कंपनियों ने एयर इंडिया को खरीदने की रुचि दिखाई है, जिसमें ब्रिटेन का हिंदुजा समूह भी शामिल हैं। एयर इंडिया रणनीतिक विनिवेश के रूप में अपनी सब्सिडियरी यूनिट एयर इंडिया एक्सप्रेस की 100 फीसदी हिस्सेदारी और ज्वाइंट वेंचर एयर इंडिया एसएटीएस की 50 फीसदी हिस्सेदारी भी बेचेगी। साथ ही, एयरलाइन का मैनेजमेंट कंट्रोल भी खरीददार को सौंपा जाएगा। सात जनवरी को मंत्री समूह ने विनिवेश की बोली लगाने के लिए रुचि पत्र (ईओआई) और शेयर खरीद-बिक्री समझौते को भी मंजूरी प्रदान की।
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