Sakhi One Stop Center: हिंसा पीड़ित महिलाएं नहीं भटकेंगी दर-बदर, सहारा देगा सखी वन स्टॉप सेंटर।

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हिंसा पीड़ित महिलाएं नहीं भटकेंगी दर-बदर
हिंसा पीड़ित महिलाएं नहीं भटकेंगी दर-बदर
  • सेंटर द्वारा प्रदान की जा चुकी हैं 500 केसों में सहूलियत, 90 को कानूनी सहायता, 70 को पुलिस मदद, 65 को शैल्टर।

Aaj Samaj, (आज समाज), Sakhi One Stop Center,अखिलेश बंसल, बरनाला:
किसी भी तरह की हिंसा पीड़ित महिला खुद को असहाय नहीं समझे। ऐसी महिलाओं की मदद करने के लिए बरनाला में सखी वन स्टॉप सेंटर स्थापित किया गया है। जहां प्रभावित महिलाओं को सहूलियत मिलती हैं। यह जानकारी बरनाला केंद्र की प्रशासक जोत वंश और पेरा लीगल वकील हरप्रीत कौर ने जिला लोक संपर्क विभाग की फेसबुक साइट के माध्यम पर लाइव होकर दी है।

इस तरह मुहैया कराई जा रही सहायता

यदि कोई पीड़ित महिला उनके केन्द्र पर पहुंचती है उसे सबसे पहले मेडिकल सहायता दी जाती है। उसके बाद पुलिस से संपर्क कर डीडीआर दर्ज करवाई जाती है जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज होती है। इसके साथ पीड़िता को अदालत में आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है। पीड़िता स्वयं कार्यालय आकर साधारण शिकायत दे सकती है वर्ना घर बैठे बिठाए स्थापित सखी वन स्टॉप केंद्र के हेल्पलाइन नंबर 01679-230181 पर शिकायत दर्ज करवा सकती है। इसके अलावा पीड़ित महिलाएं अपने चल रहे केसों के दौरान सखी वन स्टॉप केंद्र पहुंच सलाह मश्वरा ले सकती है।

ऐसा किया प्रबंधन

सखी वन स्टाप केन्द्र जिला के मुख्य सिविल अस्पताल बरनाला जो कि शहर के बिल्कुल मध्य में है वहां इमरजेंसी वार्ड के साथ स्थित है। यदि किसी पीड़ित महिला के पास रहने की भी समस्या है तो उसे भी सुरक्षित रखने का प्रबंधन सखी वन स्टाप केन्द्र द्वारा किया गया है, जहां पीड़िता 5 दिन तक रह सकेगी। जहां पीड़िता को खाना व कपड़ा भी मिलेगा, खास बात यह है कि पीड़िता यदि बाल-बच्चेदार है तो उसे बच्चों के साथ भी रहने की अनुमति है। यहां बता दें कि यदि पीड़िता के पास बेटा है तो उसकी उम्र 8 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए लेकिन यदि लड़की है तो लड़की के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है। पीड़िता के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है। अठारह साल की महिला भी केंद्र से संपर्क कर सकती है।

मार्च 2019 में हुआ था स्थापित

सखी वन स्टॉप केंद्र में पहुंचने वाली पीड़िताओं को 24 घंटे सेवाएं देने की व्यवस्था है। केंद्र की ओर से दावा किया जा रहा है कि यहां अब तक 500 केसों में किस्म की सहूलियतें मुहैया कराई जा चुकी है, जबकि 90 को कानूनी सहायता दी गई है। 70 महिलाओं को पुलिस की मदद दिलाई जा चुकी है जबकि 65 केसों में पीड़ित महिलाओं को शेल्टर दिया गया है। यदि कोई महिला मानसिक तौर पर प्रभावित है और परिवार के साथ समझौता करने को कहती है तो केंद्र द्वारा परिवारों के साथ काउंसलिंग भी की जाती है। पीड़िता के केस की अपडेट सखी वन स्टाप केन्द्र द्वारा ही करने की विशेष व्यवस्था है।

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