दिपांशु शर्मा, सहारनपुर:
सहारनपुर में आज विमुक्त जाति जागरण समिति द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें विमुक्त जाति जागरण समिति की ओर से विमुक्त जातियों के मुक्ति दिवस पर 31 अगस्त को अधिकार जागृति सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। जिसको लेकर जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी के राज से ही कुछ जातियों ने अंग्रेजो के खिलाफ सामूहिक सशस्त्र संघर्ष किया। जिनमें गुर्जर, पासी, बंजारा, लोध व सांसी आदि 100 से ज्यादा जातियां शामिल रही। अंग्रेजों से संघर्ष में इस जाति समूह में लाखों की संख्या में शहादत दी। जिसमें आजादी के बाद मुख्यधारा से कटी रही।
इन जातियों को मुख्यधारा में लाने के लिए अयंकर कमेटी, 1949 लॉकर कमेटी, 1965 रेनके आयोग 2008 व इदाते आयोग 2018 का गठन किया गया। इन कमेटियों और आयोगों ने इन विमुक्त जातियों को विशेष प्रोत्साहन आरक्षण सुविधा व सम्मान दिए जाने की सिफारिश की लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने कोई ठोस कदम इनके कल्याण के लिए नहीं उठाया और आजादी के 75 वर्ष बाद भी यह देशभक्त जातियां न्याय की प्रतीक्षा में हैं। जबकि छुआछूत व सामाजिक क्रूरता की शिकार जातियों को अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति का दर्जा देकर आरक्षण आदि विशेष सुविधा दी गई जो अच्छा काम है।