Saharanpur News | सहारनपुर। श्री कबीर निर्णय मंदिर रायवाला में जारी श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा के तीसरे दिवस के कथा मनोरथी संत ब्रम्हचारी मंगल दास, साध्वी वंदना ने व्यास पूजा किया और कथा व्यास आचार्य सनातन चैतन्य जी महाराज व महंत गुरुमिलन शास्त्री जिसकी अध्यक्षता मे कार्यक्रम चल रहा है।

उन्हें तिलक टीका लगाकर व पुष्पमाला पहनाकर आशीर्वाद लिया। कथा व्यास आचार्य सनातन चैतन्य जी महाराज कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भागवत के बारह स्कंध में बारह कथा विषय है। प्रथम स्कंध कथा के वक्ता-श्रोता अधिकारी कौन बताया गया। साधक का गुरु कृपा से साधना मार्ग में बढ़ते हुए उत्तरोत्तर प्रगति करते हुए बारवां स्कंध भगवान का आश्रय प्राप्त कर लेता है, यही मुक्ति है।

भागवत के महान वक्ता श्री शुकदेव मुनि भागवत कथा श्रवण कराते हुए हस्तिनापुर के कर्मयोगी राजा परीक्षित को सातवें दिन मुक्ति प्रदान कर देते है। आगे आचार्य जी ने सृष्टि की रचना, वराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष वध कथा, मनु-शतरुपा की कथा और मनु-शतरूपा के पांच संतान प्रियव्रत, उत्तानपाद, अकुति, देवहूति, प्रसुती की कथा श्रवण कराई।

सति प्रसंग कथा करते हुए भगवान शंकर पार्वती कथा श्रवण कराया। इस अवसर पर बहुत ही सुन्दर झांकी निकाली गई। कथा स्थल पर भगवान शंकर व पार्वती का विवाह प्रसंग का मंचन किया गया। भक्तों ने खूब नाचते ताली बजाते हुए भगवान शंकर -पार्वती के ऊपर पुष्प वर्षा किया।

कथा व्यास आचार्य सनातन चैतन्य जी ने गोपाष्टमी पर्व पर बधाई देते हुए कहा की गऊ माता में तैंतीस कोटि देवी देवताओं का वास है। आज ही के दिन कार्तिक शुक्ल अष्टमी को भगवान श्री कृष्ण गोचारण करने को गए। उसी दिन से भगवान श्रीकृष्ण का नाम गोपाल पड़ा।

अंत में आश्रम के महंत गुरुमिलन साहेब भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि आज इस आश्रम में आनंद की खूब वर्षा हो रही है। भक्त लोग सहारनपुर शहर के अलावा दूर-दूर से भक्त लोग आश्रम मे ठहरे हुए हैं। सभी को हमारे तरफ से मंगलकामनाएं साथ ही आज गोपाष्मी पर्व पर सभी को बधाई !

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