***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:- 26/09/2022, सोमवार
प्रतिपदा, शुक्ल पक्ष,
आश्विन
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
धनु
सामाजिक कार्यों में मन लगेगा। दूसरों की सहायता कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। मनोरंजक यात्रा हो सकती है। मित्रों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। झंझटों में न पड़ें। ईर्ष्यालु सक्रिय रहेंगे।
तिथि——— प्रतिपदा 27:07:41 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र————- हस्त 30:15:19
योग———— शुक्ल 08:03:27
करण——–किन्स्तुघ्न 15:18:49
करण————– बव 27:07:41
वार———————– सोमवार
माह———————– आश्विन
चन्द्र राशि——————- कन्या
सूर्य राशि——————– कन्या
रितु————————– शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————– 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:10:30
सूर्यास्त—————- 18:10:11
दिन काल————- 11:59:40
रात्री काल————- 12:00:47
चंद्रोदय—————- 06:29:42
चंद्रास्त—————- 18:39:22
लग्न—- कन्या 8°45′ , 158°45′
सूर्य नक्षत्र———- उत्तरा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र——————- हस्त
नक्षत्र पाया——————- रजत
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
पू—- हस्त 12:01:48
ष—- हस्त 18:07:51
ण—- हस्त 24:12:20
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कन्या 08 :49 उ o फ़ाo , 4 पी
चन्द्र =सिंह27 °23, हस्त , 1 पू
बुध =कन्या 03 ° 34′ उ o फाo ‘2 टो
शुक्र=कन्या 01°05, उ o फ़ा o ‘ 2 टो
मंगल=वृषभ 23°30 ‘ मृगशिरा’ 1 वे
गुरु=मीन 09°30 ‘ उ o भा o, 2 थ
शनि=मकर 25°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 21°15’ भरणी , 3 ले
केतु=(व) तुला 21°15 विशाखा , 1 ती
राहू काल 07:40 – 09:10 अशुभ
यम घंटा 10:40 – 12:10 अशुभ
गुली काल 13:40 – 15:10 अशुभ
अभिजित 11:46 – 12:34 शुभ
दूर मुहूर्त 12:34 – 13:22 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:58 – 15:46 अशुभ
वर्ज्यम 14:28 – 16:06 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 06:11 – 07:40 शुभ
काल 07:40 – 09:10 अशुभ
शुभ 09:10 – 10:40 शुभ
रोग 10:40 – 12:10 अशुभ
उद्वेग 12:10 – 13:40 अशुभ
चर 13:40 – 15:10 शुभ
लाभ 15:10 – 16:40 शुभ
अमृत 16:40 – 18:10 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 18:10 – 19:40 शुभ
रोग 19:40 – 21:10 अशुभ
काल 21:10 – 22:40 अशुभ
लाभ 22:40 – 24:11* शुभ
उद्वेग 24:11* – 25:41* अशुभ
शुभ 25:41* – 27:11* शुभ
अमृत 27:11* – 28:41* शुभ
चर 28:41* – 30:11* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 06:11 – 07:10
शनि 07:10 – 08:10
बृहस्पति 08:10 – 09:10
मंगल 09:10 – 10:10
सूर्य 10:10 – 11:10
शुक्र 11:10 – 12:10
बुध 12:10 – 13:10
चन्द्र 13:10 – 14:10
शनि 14:10 – 15:10
बृहस्पति 15:10 – 16:10
मंगल 16:10 – 17:10
सूर्य 17:10 – 18:10
🚩होरा, रात
शुक्र 18:10 – 19:10
बुध 19:10 – 20:10
चन्द्र 20:10 – 21:10
शनि 21:10 – 22:10
बृहस्पति 22:10 – 23:11
मंगल 23:11 – 24:11
सूर्य 24:11* – 25:11
शुक्र 25:11* – 26:11
बुध 26:11* – 27:11
चन्द्र 27:11* – 28:11
शनि 28:11* – 29:11
बृहस्पति 29:11* – 30:11
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
कन्या > 03:52 से 06:42 तक
तुला > 06:42 से 08:56 तक
वृश्चिक > 08:56 से 11:12 तक
धनु > 11:12 से 13:38 तक
मकर > 13:38 से 15:20 तक
कुम्भ > 15:20 से 16:48 तक
मीन > 16:48 से 17:22 तक
मेष > 17:22 से 18:56 तक
वृषभ > 18:67 से 21:42 तक
कर्क > 21:42 से 02:12 तक
सिंह > 02:12 से 04:33 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
1 + 2 + 1 = ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
1 + 1 + 5 = 7 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
* शारदीय नवरात्रि प्रारम्भ
* घटस्थापन (शुभ मुहूर्त में)
* अग्रसेन जयंती
*मातामह श्राद्ध
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
भोज्यं भोजनशक्तिश्च रतिशक्तिर्वराङ्गना ।
विभवो दानशक्तिश्च नाऽल्पस्य तपसः फलम् ।।
।। चा o नी o।।
भोजन के योग्य पदार्थ और भोजन करने की क्षमता, सुन्दर स्त्री और उसे भोगने के लिए काम शक्ति, पर्याप्त धनराशी तथा दान देने की भावना – ऐसे संयोगों का होना सामान्य तप का फल नहीं
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविज्ञानयोग अo-13
प्रकृतिं पुरुषं चैव विद्ध्यनादी उभावपि ।,
विकारांश्च गुणांश्चैव विद्धि प्रकृतिसम्भवान् ॥,
प्रकृति और पुरुष- इन दोनों को ही तू अनादि जान और राग-द्वेषादि विकारों को तथा त्रिगुणात्मक सम्पूर्ण पदार्थों को भी प्रकृति से ही उत्पन्न जान॥,19॥,
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
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आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
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