- आयड़ जैन तीर्थ में बह रही है धर्म ज्ञान की गंगा
- पदमावती माता का जाप अनुष्ठान एवं एकासना किया
Aaj Samaj (आज समाज), Sadhvi Prafulla Prabhashree, उदयपुर 22 सितम्बर:
श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ पर बरखेड़ा तीर्थ द्वारिका शासन दीपिका महत्ता गुरू माता सुमंगलाश्री की शिष्या साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री एवं वैराग्य पूर्णाश्री आदि साध्वियों के सानिध्य में शुक्रवार को पद्मावती माता का जाप एवं एकासना का आयोजन किया गया। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे सभी श्रावक-श्राविकाओं ने ज्ञान भक्ति एवं पद्मावती माता का जाप का आयोजन किया एवं एकासना की तप साधना की।
वहीं सभी ने ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकारी पूजा की गई। जैन श्वेताम्बर महासभा के अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या ने बताया कि प्रवचनों की श्रृंखला में साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री व वैराग्यपूर्णा ने कहां कि आज वर्तमान काल में भी पद्मावती माता मनुष्य जीवन में उपसर्गों का निवारण करती है। वैसे देखा जाये तो देव और मनुष्य में अंतर है। वह अंतर है भावना, भक्ति और त्याग का । मनुष्य संपूर्ण समर्पित होकर अपनी आराधना को शीघ्र निर्विघ्नता के शिखर पर पहुँचा सकता है। मगर इसके लिए चाहिए दैविक शक्ति की सहायता और आत्मिक श्रद्धा सहायता प्राप्त होने पर मनुष्य सबकुछ सिद्ध कर सकता है।
वर्तमान में सबसे अधिक आराधना, उपासना पाश्र्वनाथ भगवान की अधिष्टाईका देवी पद्मावती माता की होती है। कहा जाता है कि वह स्वयं प्रज्वलित ज्योति है। उसके पास जाने पर भक्त को अवश्य प्रकाश मिलता है। चातुर्मास संयोजक अशोक जैन ने बताया कि आयड़ जैन तीर्थ पर प्रतिदिन सुबह 9.15 बजे से चातुर्मासिक प्रवचनों की श्रृंखला में धर्म ज्ञान गंगा अनवरत बह रही है।