मनोज वर्मा, कैथल :
गत वर्ष 25 अगस्त को पंचकूला में कैथल के दो अमर शहीद प्रेमियों की शहादत के नियमित कैथल डेरे में आज समूची साध संगत ने भारी तादात में उपस्थित होकर उनके लिए आयोजित की गई स्पैशल नाम चर्चा आयोजित की। इस अवसर पर भारी तादात में प्रेमी भाई व प्रेमी बहनें उपस्थित रहे। सबसे अहम बात तो यह रही की इतनी भयंकर गर्मी के मौसम में बुजुर्गों, वृद्व महिलाओं और बच्चों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। जानकारी अनुसार कैथल जिले के गांव सजूमा निवासी कृष्ण फौजी इंसा पुत्र मोलू राम इंसा व कैथल जिले के ही गांव गुहणा निवासी कपूर चंद इंसा पुत्र अमी लाल इंसा को गत वर्ष 25 अगस्त के दिन पंचकूला में घटित घटनाक्रम के चलते डेरे की आन, बान और शान को कायम रखने हेतु अपने प्राणों की आहुति दे डाली थी। उनकी सच्ची शहादत को नमन करने के लिए आज कैथल डेरे में समूची साध संगत ने भारी तादात में उपस्थित होकर उनके लिए मौन रखकर अपनी सच्ची श्रद्वांजलि अर्पित की व परमपिता परमात्मा पूज्य संत डा गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा के दिखाए गए सच्चाई और मानवता के रास्ते पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों को सच्चे मन से याद किया। इस अवसर पर दोनों शहीदों के परीजन भी उपस्थित थे। समूची साध संगत की आंखे उनकी शहादत को याद करते हुए नम हो रही थी। यह सारा दृश्य इतना भावाविभोर कर देने वाला था कि समूची साध संगत की आखों से अश्रुधारा रूकने का नाम ही नहीं ले रही थी। दोनों प्रमी भाईयों की याद में आज यहां गुरू यश भी गाया गया तथा कैथल डेरे के अलावा भी 5 अन्य जगहों पर स्पैशल नाम चचार्ओं का आयोजन किया गया। इसके पश्चात लंगर प्रसाद की सेवा भी लगाई गई। जिसमें समूची साध संगत ने बड़े अदब के साथ लंगर प्रसाद ग्रहण किया तथा सिमरन किया। इस अवसर पर सभी 45 मैंर्बस, समस्त भंगी दास, सुजान बहनें, सभी ब्लाक भंगी दास, डेरा प्रेमी मुख्य रूप से उपिस्थत थे। 45 मैंबरी कमेटी के सदस्य खरैती लाल इंसा, सुशील इंसा क्योडक, करनैल इंसा, ब्रहम्चारी भाई कृष्ण, वेद पाल इंसा ने बताया कि पिता जी के आदेशानुसार यहां पर परमार्थ का कार्य भी खूब जोरों शोरों से चल रहा है। जिसमें समूची साध संगत ने आज दिल खोल कर परमार्थ कार्य को आगे बढाया है। पिछले सप्ताह डेरे की साध संगत ने 10750 पौधे रोपित करके एक रिकार्ड कायम किया है। ताकि आने वाली पीडियों को आक्सीजन की भरपूर मात्रा मिल से। एक छोटे से नन्हें बालक ने आज की पावन अरदास प्रस्तुत की। जिसने समूची साध संगत का मन मोह लिया।
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