एमएसपी, सुनिश्चित मंडीकरण से छेड़छाड़ नहीं होने देंगे : सुखबीर सिंह बादल
चंडीगढ़
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने वीरवार को एक बार फिर दोहराया कि पार्टी गेंहू और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य व सुनिश्चित मंडीकरण से बिलकुल भी छेड़छाड़ नहीं होने देगी। यहां एक वर्चुअल प्रेस कॉनफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस किसानों को गुमराह करके कृषि अध्यादेशों के मुद्दे पर राजनीतिक रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और सुनिश्चित मंडीकरण प्रणाली खत्म हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह सच से मीलों दूर है।सुखबीर ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है। वह किसानों की समस्याओं को समझते हैं और हमेशा किसानों के अधिकारों के लिए लड़े हैं। अकाली दल उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होने देगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा सुनिश्चित मंडीकरण के साथ छेड़छाड़ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे और केंद्र से आश्वासन लेंगे कि न्यूनतम समर्थन मूल्य व गेंहू तथा धान के मंडीकरण के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ न हो। उन्होंने कहा, ‘मैं किसान संगठनों का साथ देने को तैयार हूं और केंद्रीय कृषि मंत्री से जो भी स्पष्टीकरण चाहिए उसके लिए मैं साथ चलने को तैयार हूं।’
इस बीच राज्य के मक्का किसानों की दुर्दशा के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए सुखबीर ने कहा कि मक्का 1825 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य की तुलना में दोआबा में 600 से 800 रुपए प्रति क्ंिवटल के हिसाब से बिक रहा था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को मक्का को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में शामिल करना चाहिए और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इसकी खरीद होनी चाहिए।
सुखबीर सिंह बादल ने निजी कंपनियों से कृषि उपकरण खरीदने में हुए कथित घोटाले की सीबीआई जांच की मांग भी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने निजी कंपनियों से कृषि मशीनरी की खरीद पर सब्सिडी देकर किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। उन्होंने कहा कि इस तरह खरीदी गई मशीनरी खुले बाजार में उपलब्ध मशीनरी से कम गुणवत्ता वाली तथा मंहगी है। उन्होंने कहा कि सब्सिडी सीधे किसानों को देकर उन्हें अपनी जरूरतों के अनुसार मशीनरी खरीदने की अनुमति दी जानी चाहिए थी। उन्होंने सरकार से इसकी सीबीआई जांच का आदेश देने की मांग की।
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