Punjab Political News (आज समाज), चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के सीनियर उप-प्रधान डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि जो भी खालसा पंथ और पार्टी को कमजोर करने के प्रयत्न कर रहे हैं, उन्होंने पहले ही झूंदा कमेटी की रिपोर्ट को ठुकरा दिया था, जिस में एक परिवार एक टिकट देने की बात की गई थी। यहां जिक्रयोग्य है कि सुखदेव सिंह ढींडसा ने पहले सुखबीर सिंह बादल की प्रधान के तौर पर लीडरशिप मंजूर की और फिर यह कह कर बगावत कर दी कि पार्टी ने उनके पुत्र परमिंदर सिंह ढींडसा को टिकट नहीं दी। डॉ. चीमा ने कहा कि यह नेता मीटिंग में कुछ ओर कहते हैं और बाहर जाकर उसके बिल्कुल उलट बोलते हैं।
निजी असफलताओं से इतने हताश न हों
उन्होंने इन्होंने नेताओं से अपील की कि वह अपनी निजी असफलताओं से इतने हताश न हों कि पवित्र जत्थेबंदी का ही नुकसान करने लग जाएं जिसके करके इनका वजूद है। उन्होंने कहा कि मैं प्रधान सुखबीर सिंह बादल की तरफ से नम्रता सहित अपील करता हूं कि जो भी इन के विचार हैं पार्टी प्लेटफार्म पर ही प्रकट किए जाएं। डॉ. चीमा ने यह भी बताया कि पार्टी के प्रधान के पत्नी हरसिमरत कौर बादल ने ही झूंदा कमेटी की रिपोर्ट अनुसार सबसे पहले कहा था कि यदि पार्टी सुखबीर सिंह बादल को चुनाव में खड़ा करती है तो वह एक परिवार एक टिकट के सिद्धांत के मुताबिक चुनाव नहीं लड़ेंगे।
डा. चीमा ने कहा कि ओर कोई भी पार्टी इतनी लोकतंत्रीय आजादी नहीं देती जितनी शिरोमणि अकाली दल देता है। उन्होंने कहा कि ऐसा भी समय होता है जब हमारे विचार पार्टी की बहु संख्या से अलग होते हैं लेकिन जब एक बार फैसला ले लिया गया तो वह निजी तौर पर पार्टी के बहु संख्या फैसले का सत्कार करते उसको स्वीकृत भी करते हैं और प्रचारते भी हैं। उन्होंने कहा कि एक जत्थेबंदी चलाने के लिए ओर दूसरी विधि नहीं हो सकता।