S Jaishankar Reply: निष्पक्ष चुनाव की संयुक्त राष्ट्र न करे चिंता, यह भारत के लोग सुनिश्चित करेंगे

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Aaj Samaj (आज समाज),  S Jaishankar Reply, नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के चुनावों पर टिप्पणी का संयुक्त राष्ट्र को जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि यूएन को यह बताने की जरूरत नहीं है कि भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर के समर्थन में प्रचार के दौरान जयशंकर ने यह बात कही।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने यह कहा था

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुुजारिक डे ला रिवियेर ने पिछले सप्ताह प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारत में चुनाव स्वतंत्र एंव निष्पक्ष होने चाहिए। दरअसल, दुुजारिक से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और विपक्षी कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को जब्त करने के मद्देनजर आगामी आम चुनावों से पहले भारत में राजनीतिक अशांति को लेकर सवाल किया गया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा था, हमें बहुत उम्मीद है कि भारत में, जैसा कि चुनाव वाले किसी भी देश में होता है, राजनीतिक और नागरिक अधिकारों सहित सभी के अधिकारों की रक्षा की जाएगी और हर कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में मतदान करने में सक्षम होगा।

आंतरिक मामलों पर राजनीतिक बयान देने से बचें

जयशंकर ने उनकी इस टिप्पणी पर यह भी कहा कि यूएन को भारत के चुनावों की चिंता करने की जरूरत नहीं है। भारत के लोग यह सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों, इसलिए, इसके बारे में चिंता न करें। उन्होंने अन्य देशों से भी कहा कि वे भारत के आंतरिक मामलों पर राजनीतिक बयान देने से बचें अन्यथा भारत से बहुत कड़ा जवाब मिलेगा। हाल ही में केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका और जर्मनी के राजनयिकों की टिप्पणियों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने यह बहुत स्पष्ट कर दिया है कि वह ऐसे बयानों का विरोध करता है।

हम स्वतंत्र देश, एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में नहीं करना चाहिए दखल

विदेश मंत्री ने कहा, किसी ने यूएन के एक व्यक्ति (संभवत: किसी राजनयिक) से (केजरीवाल की गिरफ्तारी के बारे में) पूछा, और उसने कुछ जवाब दिया। लेकिन, अन्य मामलों में, मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहूंगा कि ये पुरानी आदतें हैं, ये खराब आदतें हैं। देशों के बीच एक रिश्ता होता है। हम स्वतंत्र देश हैं और हमें एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। साथ ही हमें एक-दूसरे की राजनीति के बारे में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।’

दूसरे देश की राजनीति पर किसी को नहीं टिप्पणी का अधिकार

एस जयशंकर ने कहा, अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कुछ शिष्टाचार, परंपराएं और प्रथाएं हैं जिनका पालन किया जाना चाहिए। हम दुनिया के सभी देशों से ईमानदारी से आग्रह करते हैं कि निश्चित रूप से आपके पास दुनिया के बारे में अपने विचार हैं, लेकिन किसी भी देश को दूसरे देश की राजनीति पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है, खासकर ऐसी परिस्थितियों में।

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