आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली,(S Jaishankar On Pakistan Help): घटते विदेशी मुद्रा भंडार, उच्च महंगाई दर और पाकिस्तानी मुद्रा में तेज गिरावट की वजह से गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को मदद दिए जाने को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टिप्पणी की है। आर्थिक संकट के दौर में श्रीलंका को दी गई मदद का उल्लेख करते हुए मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत ने आर्थिक बदहाली में श्रीलंका की मदद की है, लेकिन भारत और श्रीलंका के बीच संबंध पाकिस्तान से बिल्कुल अलग हैं। श्रीलंका से पाकिस्तान की कोई तुलना नहीं है।
- पाकिस्तान की मदद पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान
- अपने कार्यों व विकल्पों से निर्धारित हुआ पड़ोसी मुल्क का भविष्य
इन दिनों गंभीर आर्थिक बदहाली में है पाकिस्तान
गौरतलब है कि पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक बदहाली में है और मदद के लिए कभी वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) तो कभी अपने मित्र देशों के सामने हाथ फैला रहा है। इसी बीच जयशंकर ने अपने इरादे साफ करते हुए पाकिस्तान की मदद को लेकर दो टूक कहा कि पाकिस्तान का भविष्य काफी हद तक उसके अपने कार्यों और विकल्पों से निर्धारित हुआ है। यह पड़ोसी देश को सोचना है कि वह अपनी आर्थिक परेशानी से कैसे बाहर आए।
भारत में सीमा पार आतंकवाद प्रायोजित करता रहा है पाक
विदेश मंत्री ने श्रीलंका के प्रति सद्भावना और पाकिस्तान के प्रति लोगों की भावनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा, इस्लामाबाद भारत में सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करता रहा है, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। जयशंकर ने कहा कि भारत कठिनाई की स्थिति में अपने पड़ोसियों को सहायता प्रदान करने को तैयार है। उन्होंने कहा, मिसाल के तौर पर अगर मैं इसकी तुलना श्रीलंका से करता, इस देश के प्रति अभी भी भारत में काफी सहानुभूति है।
सब जानते हैं कि पाकिस्तान को लेकर देश के लोगों की क्या हैं भावनाएं
जयशंकर ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि पड़ोसियों की चिंताएं भारत के लिए चिंताएं हैं और इससे निपटने में हमें उनकी मदद करनी होगी, लेकिन यह आप भी जानते हैं कि पाकिस्तान को लेकर देश के लोगों की क्या भावनाएं हैं। बता दें कि भारत ने श्रीलंका के आर्थिक संकट में 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की थी। इसके अलावा भारत ने पिछले महीने भी आईएमएफ को श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन कार्यक्रम के लिए अपना लेटर आॅफ सपोर्ट दिया है। श्रीलंका के लिए आईएमएफ को लेटर आॅफ सपोर्ट देने वाला भारत पहला देश है।
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सहायता न मिलने पर दिवालिया होने के संकट की आशंका
कर्ज के जाल फंच चुके पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है। सरकारी खजाना खाली हो चुका है। अगर उसे जल्द आर्थिक सहायता नहीं मिली तो उसके सामने दिवालिया होने का संकट खड़ा हो जाएगा। पाकिस्तानी अखबारों के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से भी कम रह गया है। यह राशि 15 दिनों के आयात के लिए ही पर्याप्त है। आईएमएफ के एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान 126 अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज में है। इनमें सबसे ज्यादा कर्ज लगभग 30 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज चीन का है।
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