Aaj Samaj (आज समाज), S Jaishankar, नई दिल्ली: जी-20 बैठक के रात्रिभोज के लिए राष्ट्रपति भवन की ओर से भेजे गए निमंत्रण पत्र पर प्रेसिडेंट आफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट आफ भारत लिखे जाने को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अब इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्री ने कहा है कि इंडिया भारत है और यह संंविधान में लिखा है, इसलिए मैं देश के हर नागरिक को संविधान पढ़ने के लिए कहूंगा। विदेश मंत्री ने कहा, जब आप भारत कहते हैं, तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी परिलक्षित है।
जानिए जी-20 के इंतजामों की आलोचना पर क्या कहा
जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सरकार द्वारा किए गए इंतजाम की विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना पर जयशंकर ने कहा, अगर किसी को लगता है कि वे लुटियंस दिल्ली या विज्ञान भवन में अधिक सुविधाजनक महसूस कर रहे थे तो यह उनका विशेषाधिकार था। वही उनकी दुनिया थी और तब शिखर सम्मेलन की बैठकें ऐसे समय हुई, जहां देश का प्रभाव संभवत: विज्ञान भवन में या उसके दो किलोमीटर (लुटियंस दिल्ली) तक में रहा हो।
अलग युग, अलग सरकार और एक अलग विचार प्रक्रिया
विदेश मंत्री ने कहा, यह एक अलग युग है, यह अलग सरकार है और यह एक अलग विचार प्रक्रिया है। प्रधानमंत्री ने महसूस किया और हमने उस दिशा में काम किया है, जिसमें जी-20 ऐसी चीज है, जिसे एक राष्ट्रीय प्रयास के रूप में माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को लगता है कि हमें अभी भी सन 1983 में फंसे रहना चाहिए, उनका 1983 में फंसे रहने के लिए स्वागत है।
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