Russia-Ukraine Crisis, (आज समाज), नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को ढाई वर्ष हो चुके हैं और इसे खत्म करने के लिए भारत जल्द अहम भूमिका निभाने वाला है। पूरी दुनिया को भरोसा है कि भारत दोनों देशों के बीच जारी युद्ध को खत्म करवा सकता है, इसलिए मौजूदा समय में दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हैं। दुनिया के नेताओं में पीएम मोदी यूक्रेन में शांति कायम करने की कोशिशों में सबसे आगे रहे हैं। गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बाद अब इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा है कि केवल भारत ही रूस और यूक्रेन की जंग के मुद्दे को सुलझा सकता है।
रूस और यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्षों से मिल भी चुके मोदी
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों देशों (रूस और यूक्रेन) के राष्ट्राध्यक्षों से मिल भी चुके हैं। उन्होंने हाल ही में यूक्रेन का दौरा कर वहां के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के घावों को भरने की कोशिश की थी। इससे पहले वह रूस में राष्ट्रपति पुतिन से मिले थे। जुलाई में रूस की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को अपना यह संदेश दोहराया कि ‘यह जंग का युग नहीं है।’ जबकि अगस्त में उन्होंने यूक्रेन का दौरा किया और वहां के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात कर शांति के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
रूस जाएंगे एनएसए डोभाल
पीएम की पिछले महीने 27 अगस्त को रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ फोन पर बातचीत भी हुई थी। इस दौरान चर्चा हुई कि यूक्रेन यात्रा के बाद शांति समझौते से जुड़ी बातों पर चर्चा करने के लिए भारत अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल को रूस के दौरे पर भेजेगा। इससे रूस और यूक्रेन की जंग रोकने के लिए शांति प्रयासों में भारत की भूमिका और मजबूत होगी। यूक्रेन और रूप में फिलहाल शांति कैसे कायम की जा सकती है, इस पर चर्चा करने के लिए एनएसए डोभाल रूस की यात्रा करेंगे। बहरहाल यह साफ नहीं हो पाया कि एनएसए अजित डोभाल रूस का दौरा कब करेंगे।