आज समाज डिजिटल, Russia on the BBC Documentary : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री सीरीज की स्क्रीनिंग को लेकर देश के कई विश्वविद्यालयों में विवाद हो चुका है। लेकिन रूस ने इस पर BBC को ही सवालों के घेरे में खड़ा किया है। मित्र देश रूस ने पीएम नरेंद्र मोदी पर बनी इस डॉक्यूमेंट्री को “स्वतंत्र नीति का अनुसरण करने वाली शक्ति के वैश्विक केंद्रों” के खिलाफ “सूचना युद्ध” के रूप में वर्णित किया है।
मॉस्को में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पीएम मोदी पर BBC डॉक्यूमेंट्री पर रूसी ‘टिप्पणी’ और भारत में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के सवाल के जवाब में प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा, “मुझे यकीन नहीं है कि यह एक सवाल है हमारे लिए। हमारे भारतीय मित्र इस स्थिति पर पहले ही टिप्पणी कर चुके हैं। मैं आपका ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित करना चाहती हूं कि यह एक और सबूत है कि बीबीसी विभिन्न मोर्चों पर सूचना युद्ध छेड़ रहा है – न केवल रूसी संघ के खिलाफ बल्कि एक स्वतंत्र नीति का पालन करने वाले अन्य वैश्विक सत्ता केंद्रों के खिलाफ भी।
ज़खारोवा ने कहा यह एक स्वतंत्र टीवी और रेडियो निगम नहीं है, बल्कि एक आश्रित है, जो अक्सर पत्रकारिता के पेशे की बुनियादी आवश्यकताओं की उपेक्षा करता है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों के बाद, यह पता चला है कि बीबीसी ब्रिटिश प्रतिष्ठान के भीतर भी लड़ रहा है और हमें इसके अनुसार उपाय करने की जरूरत है।
दरअसल, BBC की डॉक्यूमेंट्री से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार के खिलाफ सूचना युद्ध का एक नया दौर शुरू हो गया है। इसमें व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में ऐसी दो घटनाएं सामने आई हैं। इसकी शुरुआत पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने की थी। पहले उन्होंने पीएम मोदी पर निजी हमला करते हुए अपमानजनक टिप्पणी की और अब BBC की डॉक्यूमेंट्री ने विवाद को हवा दी है।
मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता को स्थापित करता है भारतीय संविधान (International News)
इससे पहले जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले पर शुक्रवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि प्रेस और भाषण की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है। भारत में डाक्यूमेंट्री के आसपास चल रहे विवाद के बारे में बात करते हुए, एक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जर्मन में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि भारत का संविधान मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता को स्थापित करता है। उनमें से प्रेस और भाषण की स्वतंत्रता है।
जर्मनी इन मूल्यों को हमारे भारतीय साझेदारों के साथ साझा करता है। जर्मनी पूरी दुनिया में इन मूल्यों के लिए खड़ा है और निश्चित रूप से हम नियमित रूप से भारत के साथ इस पर चर्चा करते हैं।
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