BRICS NSA Meet, (आज समाज), मॉस्को: रूस की राजधानी मॉस्को में 14वां ब्रिक्स सम्मेलन चल रहा है और इसमें रूस-यूक्रेन जंग खत्म करवाने के लिए मॉस्को गए भारतीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी शिरकत कर रहे हैं। चीन के विदेश मंत्री व शी जिनपिंग के दूत वांग यी भी सम्मेलन में पहुंचे हैं और बुधवार को वांग व डोभाल की कुछ क्षणों के लिए मुलाकात हुई, लेकिन दोनों के बीच बात नहीं हुई।
वांग यी ने ब्रिक्स देशों को सुझाया पंचशील जैसा फॉमूर्ला
बता दें कि भारत-चीन के बीच एलएसी पर जारी तनाव के बीच वांग व डोभाल के मुलाकात हुई है। रूस में जब डोभाल सामने बैठे थे, तभी वांग यी ने ब्रिक्स देशों को पंचशील जैसा फॉमूर्ला सुझाया। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी मसले का शांतिपूर्ण तरीके से हल निकालने पर जोर होना चाहिए। वहीं, डोभाल ने सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रिक्स देशों आतंकवाद से निपटने के लिए मिलकर काम करना होगा ।
भारत ने बहुपक्षवाद में सुधार का भी आह्वान किया
डोभाल ने बहुपक्षवाद में सुधार का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा संरचनाएं आधुनिक खतरों और साझा चिंताओं के संवेदनशील मुद्दों से निपटने में सक्षम नहीं हैं। अगर हमें विश्वसनीयता बहाल करनी है तो बहुपक्षवाद में सुधार की तत्काल आवश्यकता है। डोभाल ने दोहराया कि डिजिटल क्षेत्र के कारण उत्पन्न चुनौतियों और आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हमें मिलकर काम करने की जरूरत है।
हर मसले का शांतिपूर्ण समाधान तलाशें देश : वांग
वांग यी ने कहा कि आज दुनिया उथल-पुथल और परिवर्तन के एक नए दौर में प्रवेश कर रही है। उन्होंने कहा, सभी सुरक्षा खतरे आपस में जुड़े हुए हैं, इसलिए ब्रिक्स देशों के लिए जरूरी है कि हम एक-दूसरे का साथ दें और सहयोग करें। चीनी विदेश मंत्री ने कहा, किसी भी मसले का शांतिपूर्ण समाधान तलाशने पर जोर दें। इसी दौरान वांग ने सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए ब्रिक्स देशों के सामने चार फॉमूर्ला सुझाया।