प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। पीएम मोदी का यह रूस दौरा काफी अहम है क्योंकि इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। पहले दिन पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने व्यापार एवं निवेश, तेल एवं गैस, खनन, परमाणु ऊर्जा, रक्षा एवं सुरक्षा, वायु एवं समुद्री सम्पर्क, परिवहन आधारभूत ढांचा, हाई-टेक, बाहरी अंतरिक्ष और लोगों के बीच सम्पर्क के क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि भारत रूस के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहता है। मैं राष्ट्रपति पुतिन के विजन से बहुत ही प्रभावित हूं। राष्ट्रपति पुतिन का विजन जरूर कामयाब होगा। हमारे संबंधो का मजबूत आधार होगा। ईस्टर्न इकोनोमिक फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि फार ईस्ट के विकास के लिए भारत रूस को एक बिलियन डॉलर कर्ज देगा।ईस्टर्न इकोनोमिक फोरम में मोदी ने कहा कि प्रकृति से हमें उतना ही लेना चाहिए, जितने की जरूरत हो। प्रकृति से तालमेल हमारी सदियों पुरानी परंपरा रही है। ब्लादिवोस्तोक और चेन्नई के बीच शिप चलेंगे। हम समुद्र की गहराइयों से भी समृद्धि निकालकर लाएंगे। पीएम मोदी ने फार ईस्ट के 11 गवर्नर का भारत आने का न्यौता दिया। रूस के साथ करीब 50 व्यापारिक समझौते भारत ने किए हैं। मैंने और राष्ट्रपति पुतिन ने संबंधों को विविधता दी है। ब्लादिवोस्तोक में बोलते हुए पीएम ने जोर दिया कि राष्ट्रपति पुतिन ने और मैंने दोनों देशों की दोस्ती में नए आयाम जोड़े हैं। हम संबंधों को सरकारी दायरों से बाहर लाए हैं। हम दोनों मिलकर अंतरिक्ष की दूरियों को कम करेंगे। हम एक दूसरे की तरक्की में और अधिक सहयोग करेंगे। मैं जब भी रूस आया हूं भारत के लिए प्रेम, मित्रता और सहयोग यहां देखा है। पीएम मोदी ने कहा कि जब भी हम दोनों मिले हैं हम खुले दिल से मिलते हैं और समय लेकर मिलते हैं।