शिमला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राज्य में प्राकृतिक कृषि को व्यापक स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने और प्राकृतिक उत्पाद के लिए विपणन व्यवस्था सुचारू बनाने की आवश्यकता जताई है। वे शनिवार को राजभवन में सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि परियोजना के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करते हुए बोल रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक कृषि को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए यह जरूरी है कि ग्रामीण क्षेत्रों के पढ़े-लिखे बेरोजगारों को प्रशिक्षित किया जाए, जो किसानों को प्रशिक्षण देंगे। उन्होंने कहा कि इन प्रशिक्षित युवाओं को प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया जा सकता है। साथ ही, इनके लिए कुछ प्रोत्साहन राशि भी प्रस्तावित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे गांव व पंचायतों को चिन्हित किया जाना चाहिए, जहां पूरी तरह से हर परिवार प्राकृतिक कृषि को अपना रहा है।
राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में करीब 55 हजार किसान प्राकृतिक कृषि कर रहे हैं और 2579 हैक्टेयर क्षेत्र इसके तहत लाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लोग अपने स्वस्थ्य के प्रति ज्यादा सजग हुए हैं। प्राकृतिक उत्पाद का बाजार बहुत बड़ा होने वाला है। उन्होंने कृषि और बागवानी विभागों को साथ मिलकर इस दिशा में कार्य करने के लिए कहा, जिससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने कार्य योजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कृषि पद्धति के तहत 72 हजार किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और प्रदेश की 2934 पंचायतों तक पहुंच सुनिश्चित बनाई गई है। परियोजना के कार्यकारी निदेशक डाॅ. राजेश्वर चन्देल ने प्राकृतिक कृषि पर प्रस्तुतिकरण भी दिया।