- उत्तरी भारत के आंचलिक पत्रकारिता का सशक्तिकरण करना होगा मुख्य उद्देश्य।
Aaj Samaj (आज समाज), Rural Journalism, अखिलेश बंसल, बरनाला-पंजाब:
देश में ग्रामीण पत्रकारिता का नैतिक स्तर उठाया जाना समय की जरूरत है। इसे विभिन्न पक्ष से पूरा करने के लिए आज की पत्रकारिता एक मिशन है। यह मान कर चलने वाली नीति पत्रकारिता ही प्रेस की प्रतिष्ठा और प्राण बन सकती है। यह उद्द्गार न्यूज़पेपर्स एसोसिएशन आफ इंडिया-एनएआई दिल्ली के हाल ही के दौरान चयनित हुए राष्ट्रीय कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं उत्तरभारत के अध्यक्ष कंट्री एन्ड पॉलिटिक्स पत्रिका के सम्पादक श्री कृष्ण राज अरुण के हैं। उल्लेखनीय है कि श्री अरुण 5 जनवरी को एनएआई के आयोजित होने वाले राष्ट्रीय समारोह के प्रमुख कार्यसमिति प्रमुख डा. विपिन गौड़ के साथ आंचलिक पत्रकारिता को मिशन से जोड़ने के लिए रूरल जर्नलिज्म के प्रस्ताव की सहमति को लेकर सोमवार को गए थे, जिसे डा. विपिन गौड़ ने सहर्ष स्वीकार कर लिया गया है। इसकी घोषणा देश के आगे समारोह में घोषित 5 जनवरी को किया जाना निश्चित है।
एनएआई के दिग्गजों में योजनाओं को लेकर हो रही मंत्रना
एनएआई भविष्य में रूरल जर्नलिज्म महाविद्यालय योजना को संस्था के मार्गदर्शक 2 निजी विश्व विद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर संदीप मारवाह जी मुख्य संरक्षक न्यूज़ पेपर्स एसोसोयशन आफ इंडिया दिल्ली नोयडा को विश्वविद्यालय से जोड़ने को निवेदन किया जाएगा, ताकि योग्य पात्र मान्यता लेकर मिडिया के सक्षम व्यक्तित्व हो सकें। उन्होंने कहा कि आंचलिक पत्रकारिता की भावनाएं संसाधन और सुयोग्य स्थानों में अवसर ना मिलने से शिखर छूने की भावनाये आहत हो रही हैं, यह बदलते भारत की उपलब्धि के लिए दुखद विषय है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यसमिति महासचिव डा. विपिन गौड़ से हुई मंत्रणा के बाद हमारी पहल पंजाब, हिमाचल, हरियाणा तथा उत्तराखंड का संयुक्त ग्रामीण महाविद्यालय उपयुक्त जगह के चयन के बाद 2024 में राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस में स्थापित कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया की हमारी प्रतावना का असर चेन्नई, बेंगलुरु, कर्नाटक में कई जगह हुआ है। इसके लिए न्यूज़ पेपर्स एसोशिएशन आफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. नागनाथंन जी के नेतत्व में यह योजना दक्षिण भारत में चलाने पर मंत्रना हो रही है।
शिक्षण-प्रशिक्षण ना होने से आंचलिक पत्रकारिता भविष्य लक्ष्य से दूर
श्री अरुण ने कहा की आंचलिक पत्रकारिता का स्वरूप ना समझ पाने के कारण अधिकतर अंशकालीन पत्रकार ग्रामीण स्तर पर इस विषय में शिक्षित-प्रशिक्षित ना होने से भविष्य की कामयाबी का लक्ष्य इनके सामने नही आ पा रहा है। इस क्षेत्र में जो भी सामने आ रहे हैं वह केवल रोजी रोटी के लिए ही इच्छुक आ रहे हैं, वे खुद मिशन पत्रकारिता से अनभिज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि यदि छोटे छोटे समाचार पत्रों को बढ़ावा देने के लिए राज्यों में मीडिया ट्रस्ट बनेंगे तो कठिन दौर में प्रकाशक और पत्रकार संसाधन युक्त होकर अपना मिशन पूरा कर सकेंगे। वास्तव में यह एक मीडिया बैंक होगा जो वक्त उन्नतिकारक बनकर उनकी मदद कर सकेगा। उन्होंने कहा कि एनएआई भविष्य में उन्नतिकारक सदस्यों की सहायता से सहकारिता मीडिया ट्रस्ट चलाए ताकि प्रदेशों में आंचलिक लघु समाचार पत्रों को कठिन समय में कष्टों से उभारने में मदद मिल सके। आलम यह है कि मौजूदा समय में आंचलिक स्तर से निकलने वाले अखबार स्थानीय मुद्दों एवं जनता के बीच जन-पैरोकार होने के कारण ही स्थानीय विज्ञापनों से अखबार चला पाते हैं ।
समाचार पत्र जगत को करना होगा चुनौतियों का सामनाः
उन्होंने कहा कि वे जब अपने गुरु भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्री गुलज़ारीलाल नन्दा जी के समाचार पत्र नवजीवन पथ और मजदूर संदेश समाचार जगत की इस लाइन में आए थे, उस दौर में जो मीडिया का महत्व था वह सम्मान अब कम ही दिखता है। अरुण ने यह भी कहा कि आज के युग में उच्च तकनीकी का विकास अवश्य हुआ है, मगर राज्यों के अंचलों में यह उद्यम अत्यंत घाटे का सौदा होने के कारण अब तो विवश होकर डिजिटल पेज पर्यावरण हितेषी बनकर सदस्यों तक ही सीमित होते जा रहे हैं। इस कड़ी चुनौती से निपटने के लिए समाचार पत्र संस्थाओं को भविष्य सचेतक जनक बनकर वैकल्पिक व्यवस्थाओं को आगे लाने के लिए आधुनिक भागीरथ बनकर चुनौतियों का सचेतक व्यवस्थापक बनना ही होगा।
डा. संदीप मारवाह बहुपक्षिय सख्शीयतः-
उन्होंने कहा यह हमारे लिए गर्व की बात है कि न्यूज़पेपर्स एसोसिएशन आफ इंडिया-एनएआई दिल्ली के मुख्य संरक्षक नोयडा फिल्म सिटी के संस्थापक डा. संदीप मारवाह एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन और (ए.ए.एफ.टी) दो विश्वविद्यालयों के संस्थापक-अध्यक्ष हैं। आज का एनएआई उनके मार्ग दर्शन में विश्व के कई देशों में भी अपनी पहचान कायम कर चुका है। प्रोफेसर संदीप मारवाह मानव निर्माण योजना के एक ऐसे व्यक्त्वि हैं जिनसे दुनिया की हस्तियां उनकी कार्य योजनाओं का लाभ ले रही हैं। उन्होंने दुनिया के 145 देशों के 19000 से अधिक मीडिया पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है। अंतरास्ट्रीय मानचित्र में फिल्म टेलीविजन – मिडिया और मनोरंजन उद्योग के सबसे बड़े उद्यमियों के वे इंटरनेशनल चैंबर आफ मिडिया एन्ड इंटरटेनमेंट इंड्रस्टीज के सार्वदेशिक अध्यक्ष भी हैं।
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