Rural India Festival: ग्रामीण भारत की सेवा के लिए मैं निरंतर काम कर रहा : पीएम मोदी

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Rural India Festival: ग्रामीण भारत की सेवा के लिए मैं निरंतर काम कर रहा : पीएम मोदी
Rural India Festival: ग्रामीण भारत की सेवा के लिए मैं निरंतर काम कर रहा : पीएम मोदी
  • नाबार्ड अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी को किया सम्मानित
  • पिछली सरकार ने गांवों को जरूरतों से वंचित रखा

PM Modi Today Program, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 2014 में पदभार संभालने के बाद से वह लगातार ग्रामीण भारत की सेवा के लिए काम कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने आज यह बात कही। उन्होंने इस दौरान ग्रामीण भारत में सामाजिक सौहार्द बनाए रखने और जातिगत राजनीति का मुकाबला करने के महत्व पर जोर दिया।

निर्मला सीतारमण भी कार्यक्रम में शामिल हुईं

प्रधानमंत्री ने 2014 से सरकार की उन पहलों पर भी  प्रकाश डाला, जिनसे ग्रामीण गरीबी कम हुई है।  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी कार्यक्रम में शामिल हुईं। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष शाजी केवी भी इस अवसर पर मौजूद थे। निर्मला सीतारमण ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए बैंक अभियान पर चर्चा की। शाजी केवी ने प्रधानमंत्री को सम्मानित किया।

विकसित भारत के सपने को आगे बढ़ाने में गांव अहम

ग्रामीण भारत महोत्सव कार्यक्रम 4 से 9 जनवरी तक चलेगा और इसका विषय ‘विकसित भारत 2047 के लिए एक लचीले ग्रामीण भारत का निर्माण’ है। प्रधानमंत्री ने किसी का नाम लिए कहा कि कुछ लोग जाति की राजनीति के नाम पर शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं और मैं देश के ग्रामीण इलाकों में सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए ऐसी साजिशों को विफल करने का आह्वान करता हूं। पीएम ने विश्वास जताया कि 2047 तक विकसित भारत के सपने को आगे बढ़ाने में गांव अहम भूमिका निभाएंगे।

गांवों की शांति व सद्भाव की विरासत को मजबूत करना होगा

प्रधानमंत्री ने कहा, हमें गांवों की शांति और सद्भाव की विरासत को मजबूत करने के लिए काम करना होगा। ग्रामीण विकास के लिए एनडीए सरकार द्वारा 2014 से उठाए गए कदमों को मोदी ने याद किया। उन्होंने एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ग्रामीण भारत में गरीबी 2012 में 26 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत से नीचे आ गई है।

पिछली सरकार ने ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों की उपेक्षा की थी और आजादी के दशकों बाद भी गांवों को बुनियादी जरूरतों से वंचित रखा गया था। हमारी सरकार गांवों को सशक्त बना रही है। उन्होंने कहा, हम उन क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं जो पहले उपेक्षित थे। बैंकों ने प्रधानमंत्री जन धन योजना, पीएम मुद्रा और पीएम स्वनिधि सहित 16 सरकारी योजनाओं के लिए संतृप्ति अभियान चलाया है।

महोत्सव का यह है उद्देश्य

महोत्सव का उद्देश्य विभिन्न चर्चाओं, कार्यशालाओं और मास्टरक्लास के माध्यम से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाना और ग्रामीण समुदायों के भीतर नवाचार को बढ़ावा देना है। इसके उद्देश्यों में वित्तीय समावेशन को संबोधित करके और टिकाऊ कृषि प्रथाओं का समर्थन करके पूर्वोत्तर भारत पर विशेष ध्यान देने के साथ ग्रामीण आबादी के बीच आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देना शामिल है।

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