Aaj Samaj (आज समाज), Ruchira Kamboj UN News, न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के अलावा कश्मीर और राम मंदिर के मुद्दे पर टिप्पणियों के लिए भारत ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ा है। ‘शांति की संस्कृति’ विषय पर आयोजित आम सभा की बैठक में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने भारत के खिलाफ बयानबाजी की थी।
मुनीर अकरम की टिप्पणियों का रुचिरा ने दिया करारा जवाब
मुनीर अकरम की टिप्पणियों के जवाब में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने पड़ोसी मुल्क की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, हर मामले में पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड संदिग्ध है। हम इस सभा में हम शांति की संस्कृति की बात कर रहे हैं। रुचिरा ने कहा, ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में हमारा फोकस रचनात्मक बातचीत पर होना चाहिए। ऐसे में हमें एक प्रतिनिधिमंडल (पाकिस्तान) की टिप्पणियों को नजरअंदाज करना चाहिए, क्योंकि उनमें न केवल शिष्टाचार की कमी है, बल्कि उनका खुद का ही ट्रैक रिकॉर्ड हर मामले में संदिग्ध है।
आतंकवाद शांति की संस्कृति के खिलाफ
भारतीय स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, ये अपने विनाशकारी और हानिकारक स्वभाव के चलते हमारे सामूहिक प्रयासों को भी गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। रुचिरा ने कहा, हम चाहेंगे कि ये प्रतिनिधिमंडल सम्मान और कूटनीति के आधारभूत सिद्धांतों का पालन करे। रुचिरा ने कहा, ‘आतंकवाद शांति की संस्कृति के अलावा धर्म की शिक्षाओं जैसे दया व सहअस्तित्व के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा, हमारा देश मानता है कि पूरी दुनिया एक परिवार है और संयुक्त राष्ट्र सभा के सभी सदस्य देशों को भी ऐसा मानना चाहिए ताकि शांति की संस्कृति को बढ़ावा मिल सके।
बढ़ रही वैश्विक चुनौतियां
भारतीय स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, वैश्विक चुनौतियां बढ़ रही हैं। बढ़ती असहिष्णुता, भेदभाव व धर्म आधारित हिंसा की चुनौतियों पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पवित्र स्थलों जैसे चर्च, बौद्ध स्थल, गुरुद्वारे, मस्जिद, मंदिर व यहूदी धर्मस्थलों पर हमलों की घटनाओं में तेजी आने से हम चिंतित हैं। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में आए दिन हिंदू मंदिरों और गुरुद्वारों पर हमले की वारदातें सामने आती रहती हैं।
महात्मा गांधी का अहिंसा मंत्र आज भी हमारे देश का आधार
रुचिरा ने कहा, ‘अहिंसा का मंत्र महात्मा गांधी ने दिया था और यह आज भी हमारे देश का आधार है। पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए भारत की प्रतिनिधि ने कहा कि भारत न सिर्फ हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म की जन्मस्थली है बल्कि यहां इस्लाम, यहूदी, ईसाई और पारसी जैसे धर्मों का भी मजबूत आधार है। जिन वर्गों और धर्मों के लोगों को शोषण का सामना करना पड़ा, उन्हें शरण देने और विविधता में एकता बनाए रखने का भारत का इतिहास रहा है।’
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