Aaj Samaj (आज समाज), Ruchira Kamboj In UNGA, न्यूयॉर्क: इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए पाकिस्तान की तरकीब को संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकार करने पर भारत ने खरी-खरी सुनाई है। दरअसल पाकिस्तान ने ‘इस्लामोफोबिया से निपटने के उपाय’ को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें सत्र में शुक्रवार को प्रस्ताव पेश किया था और इस पर वोटिंग हुई जिसमें प्रस्ताव बिना किसी विरोध के पारित हो गया।
यहूदी-विरोधी, क्रिस्चियनोफोबिया या इस्लामोफोबिया की निंदा
यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने यहूदी-विरोधी, क्रिस्चियनोफोबिया या इस्लामोफोबिया की कड़ी निंदा की और कहा कि केवल इब्राहिम ही नहीं बल्कि गैर-इब्राहिम धर्म भी फोबिया का शिकार हैं, जिन्हें हमें स्वीकार करने की जरूरत है। रुचिरा कंबोज के कहने का मतलब है कि किसी के धर्म या आस्था से संबंधित भय केवल इस्लाम संबंधी ही नहीं है, बल्कि इससे हिंदू, बौद्ध और सिख धर्म के लोग भी पीड़ित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बहुलवाद के एक प्राउड चैंपियन के रूप में भारत, फोबिया चाहे इस्लामिक हो या हिंदू, ईसाई हो या बोद्ध के खिलाफ हो, सभी की हम निंदा करता है।
हमें सभी प्रकार के धार्मिक भय को पहचानना होगा : रुचिरा
केवल इस्लामोफोबिया ही नहीं, सभी प्रकार के धार्मिक भय को हमें पहचानना होगा। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, भारत सभी प्रकार के धार्मिक भय के खिलाफ खड़ा है, चाहे वह यहूदी-विरोधी हो, ईसाई-विरोधी हो या इस्लामोफोबिया हो। उन्होंने ‘इस्लामोफोबिया से निपटने के उपायों’ के प्रस्ताव पर भारत की स्थिति के बारे में बताया कि आज हम दुनिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और असमान विकास का सामना कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप असहिष्णुता, भेदभाव और धर्म के आधार पर हिंसा में चिंताजनक वृद्धि हुई है।
भारत में हर धर्म के लोगों को मिला है भेदभाव मुक्त माहौल
रुचिरा कंबोज ने इस बात पर जोर दिया कि विविध धर्मों को अपनाने वाले एक बहुलवादी और लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत का समृद्ध इतिहास लंबे समय से अत्याचार झेल रहे लोगों के लिए शरणस्थली के रूप में काम करता रहा है। उन्होंने ‘सर्व धर्म सम भाव’ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चाहे पारसी, बौद्ध, यहूदी, या किसी अन्य धर्म के लोग हों, उन्हें भारत में भेदभाव मुक्त वातावरण मिला है।
प्रस्ताव के प्रस्ताव के पक्ष में 115 देशों ने किया मतदान
193 सदस्यीय यूएनजी में पाकिस्तान के प्रस्ताव के पक्ष में 115 देशों ने मतदान किया। किसी देश ने विरोध में वोटिंग नहीं की। भारत सहित 44 देशों ने मतदान नहीं किया। मतदान न करने वाले देशों में भारत के अलावा ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूक्रेन और यूके शामिल थे। पाक के प्रस्ताव में अन्य बातों के अलावा इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए संयुक्त राष्टÑ में ‘खास दूत’ की नियुक्ति का भी आह्वान किया गया है।
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