अहमदाबाद। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने साल 2010 में आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के लिए भाजपा के पूर्व सांसद दीनू बोघा सोलंकी और छह अन्य को बृहस्पतिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। गिर वन क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियों का पर्दाफाश करने की कोशिश करने पर जेठवा की हत्या कर दी गई। विशेष सीबीआई न्यायाधीश के एम दवे ने सोलंकी और उसके भतीजे पर 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। उसका भतीजा भी मामले में आरोपी है। अदालत ने बृहस्पतिवार को फैसला सुनाते हुए सोलंकी और उसके भतीजे शिवा सोलंकी को हत्या तथा साजिश रचने का दोषी ठहराया। सोलंकी 2009 से 2014 तक जूनागढ़ के सांसद रहे। मामले के अन्य दोषियों में शैलेश पांड्या, बहादुरसिंह वढेर, पंचन जी देसाई, संजय चौहान और उदाजी ठाकोर शामिल हैं। अदालत ने गत शनिवार का सभी सातों आरोपियों को हत्या का दोषी ठहराया था। पेशे से वकील जेठवा की गिर वन्यजीव अभयारण्य और उसके आसपास अवैध खनन का आरटीआई आवेदनों के जरिए खुलासा करने को लेकर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इन खनन गतिविधियों में सोलंकी शामिल था।