Hisar News: हिसार में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में स्थापित होगी आरएसएस नेता की चेयर

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हिसार में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में स्थापित होगी आरएसएस नेता की चेयर
हिसार में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में स्थापित होगी आरएसएस नेता की चेयर

Hisar News (आज समाज) हिसार: हरियाणा के हिसार स्थित गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता दत्तोपंत ठेंगड़ी की प्रेरणास्रोत पीठ की स्थापना की जाएगी। यह स्थापना विश्वविद्यालय (जीजेयू) में डॉ. भीमराव अंबेडकर पुस्तकालय की पहली मंजिल पर की जाएगी। इस अवसर पर पुस्तक प्रदर्शनी के साथ-साथ विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आरएसएस के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता होंगे। दत्तोपंत ठेंगड़ी महाराष्ट्र के निवासी थे और बचपन से ही आरएसएस से जुड़े थे। वे संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार और आरएसएस के दूसरे सरसंघचालक माधवराव गोलवलकर से प्रभावित थे। जीजेयू में आज होने वाले कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार करेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने कहा कि दत्तोपंत ठेंगड़ी के सिद्धांत मानव कल्याण में बहुत उपयोगी हैं और ये सिद्धांत 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वहीं गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्री दत्तोपंत ठेंगड़ी के नाम पर प्रेरणास्रोत पीठ की स्थापना के दौरान विश्वविद्यालय में विकसित भारत-2047 विषय पर समारोह एवं व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा। चौधरी रणबीर सिंह आॅडिटोरियम में आयोजित होने वाले इस व्याख्यान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता होंगे।

महाराष्ट्र में जन्मे और आरएसएस के प्रचारक रहे

महाराष्ट्र के वर्धा जिले के आर्वी में 1920 में जन्मे दत्तोपंत ठेंगड़ी महज 12 साल की उम्र में महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन में शामिल हो गए थे। ठेंगड़ी ने भारतीय मजदूर संघ (1955), भारतीय किसान संघ (1979), सामाजिक समरसता मंच (1983) और स्वदेशी जागरण मंच (1991) जैसे कई संगठनों की स्थापना की। ये सभी संगठन आज अपने-अपने क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। दत्तोपंत ठेंगड़ी की सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं पर इतनी गहरी नजर थी कि उनके आख्यान भविष्य की राह दिखाते थे।