Rouse Avenue Court: लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चार्जशीट पर फैसला सुरक्षित

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Rouse Avenue Court
Rouse Avenue Court: अदालत ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चार्जशीट पर फैसला सुरक्षित रखा

Land For Job Scam, (आज समाज), नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने नौकरी के लिए जमीन घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व रेल मंत्री रह चुके लालू प्रसाद यादव, सरकारी कर्मचारियों और अन्य आरोपियों सहित 78 आरोपियों के खिलाफ निर्णायक आरोप पत्र पर संज्ञान लेने का आदेश सुरक्षित रखा है। बता दें कि यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में लंबित है। 78 आरोपियों में लालू यादव समेत 30 सरकारी कर्मचारी शामिल हैं।

सीबीआई ने पहले ही दायर कर दी है अभियोजन स्वीकृति

सीबीआई ने कहा कि सभी आरोपियों के लिए अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है और कोर्ट को संज्ञान लेना है। केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डीपी सिंह कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कहा कि 30 आम गवाहों की सूची तैयार की गई है। सीबीआई ने पहले ही जमीन के बदले नौकरी मामले में आर के महाजन सहित पूर्व लोक सेवकों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दायर कर दी है।

आरोपपत्र में शामिल आरोपियों में 38 उम्मीदवार भी शामिल

पिछले साल 20 सितंबर को लालू यादव के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दायर की गई थी। महाजन लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारी थे। 7 जून को सीबीआई ने जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू यादव और 77 अन्य आरोपियों के खिलाफ निर्णायक आरोपपत्र दायर किया। आरोपपत्र में शामिल आरोपियों में 38 उम्मीदवार भी शामिल हैं। 29 मई को कोर्ट ने सीबीआई को निर्णायक आरोपपत्र दायर करने का निर्देश दिया था। समय दिए जाने के बावजूद निर्णायक आरोपपत्र दायर न किए जाने पर भी कोर्ट ने नाराजगी जताई थी।

अक्टूबर-2023 में चार्जशीट के संबंध में दे दी थी जमानत

अदालत ने 4 अक्टूबर 2023 को लालू यादव, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सीएम रह चुकीं राबड़ी देवी और अन्य को कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले में पहले की चार्जशीट के संबंध में जमानत दे दी थी। सीबीआई के अनुसार, दूसरी चार्जशीट 17 आरोपियों के खिलाफ है, जिसमें तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री, उनकी पत्नी, बेटे, पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के तत्कालीन जीएम, डब्ल्यूसीआर के दो सीपीओ, निजी व्यक्ति, एक निजी कंपनी शामिल हैं।

18 मई 2022 को मामला दर्ज किया था मामला

सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ कथित घोटाले में 18 मई 2022 को मामला दर्ज किया। आरोप है कि तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री ने 2004 से 2009 की अवधि के दौरान रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप ‘डी’ पदों पर स्थानापन्नों की नियुक्ति के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद हस्तांतरित करके आर्थिक लाभ प्राप्त किया।

यह भी आरोप लगाया गया कि इसके बदले में, पटना के निवासी या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से स्थानापन्नों ने पटना में स्थित अपनी जमीन को मंत्री के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में बेच दिया और उपहार में दे दिया, जो उक्त परिवार के सदस्यों के नाम पर ऐसी अचल संपत्तियों के हस्तांतरण में भी शामिल थी।

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