भिवानी : व्यक्तित्व एवं चरित्र निर्माण में गुरु की भूमिका अहम – केन्द्रीय शिक्षा मंत्री

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आज समाज डिजिटल, भिवानी :
भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा फेसबुक लाइव के माध्यम से आयोजित व्यास पूजा महोत्सव के अवसर पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि बौद्धिक सम्पदा ही हमारी सबसे बड़ी पुंजी है जिसके संवर्धन में भारतीय चिंतन एवं शिक्षण व्यवस्था की प्रमुख भूमिका रही है। आज भारत एक नये दौर में प्रवेश कर रहा है। नई शिक्षा नीति विज्ञान, तकनीकी, रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचारों को प्रोत्साहित कर भारत को वैश्विक ज्ञान के केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहयोगी सिद्ध होगी। भिवानी के सीबीएलयू में भी ये कार्यक्रम देखा गया।
तकनीकी के प्रसार के कारण हुए बदलाव को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में तकनीकी विस्तार ने नूतन आयाम प्रस्तुत किया है जिससे विचार प्रवाह भी प्रभावित हुआ है। तकनीकी के क्षेत्र में हो रहे प्रयोगों से नवाचारों का दायरा भी बढ़ा है जिससे वर्तमान चुनौती के समय भी शिक्षा के प्रसार का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने हमारे जीवन में प्रकृति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रकृति हमारी प्रथम गुरु है जो न सिर्फ जीवन दर्शन का बोध कराती है अपितु सृजनात्मक सन्देश का प्रसार भी करती है।
उन्होंने गुरु-शिष्य परम्परा के द्योतक व्यास पूजा के आयोजन एवं शैक्षणिक विमर्श में योगदान के लिए भारतीय शिक्षण मंडल की प्रशंसा भी की।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे भारतीय शिक्षण मंडल के अध्यक्ष श्री सच्चिदानन्द जोशी ने कहा कि नदियां हमारे लिए भौगोलिक इकाई नहीं हैं, ये हमारे लिए सांस्कृतिक सम्पदा है जिनका हमारे अस्तित्व एवं सभ्यता निर्माण में अहम योगदान होता है। जोशी ने शिक्षा के क्षेत्र में मंडल द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षण मंडल शिक्षा में भारतीयता के लिए कृत-संकल्पित है, साथ ही भारतीय शिक्षा व्यवस्था में गुरुकुल परम्परा को स्थापित करने एवं शैक्षणिक संस्थाओं में गुरुओं की प्रतिष्ठा को मजबूत करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। इस दौरान उन्होंने आधुनिक समाज में भारतीयकरण के संकल्प को साकार करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सही क्रियान्यवन में भारतीय शिक्षण मंडल के विभिन्न प्रकल्पों द्वारा संचालित कार्यक्रमों से सम्बन्धित जानकारी भी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम की शुरूआत दत्तराज देशपांडे द्वारा ध्येय श्लोक के साथ हुई। इस दौरान भारतीय शिक्षण मंडल के महामंत्री  उमाशंकर पचौरी, सह संगठन मंत्री  शंकरानन्द, एवं प्रचार प्रमुख  आनन्द अग्रवाल सहित फेसबुक लाइव के माध्यम से देश भर से हजारों की संख्या में लोग जुड़े।