संजीव कुमार, रोहतक:
डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने लिंगानुपात के मामले में प्रदेश भर में रोहतक जिला अव्वल रहने पर जिला वासियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि जिला वासियों के लिए यह गौरव का विषय है और सब के सहयोग से ही यह कार्य संभव हो पाया है।
कैप्टन मनोज कुमार ने लिंगानुपात के जनवरी से जून माह के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस समय अवधि में जिला में कुल 9603 बच्चों ने जन्म लिया। इनमें लडकों की संख्या 4895 रही, जबकि लड़कियों की संख्या 4708 है। इस प्रकार रोहतक का लिंग अनुपात 962 है यानी 1000 लडकों पर 962 लड़कियों ने जन्म लिया है। उन्होंने कहा कि जिला में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयास जारी है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय स्वास्थ्य, पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ-साथ ग्राम पंचायतों, सामाजिक संस्थाओं को दिया है। जिला वासियों का आह्वान किया कि वह इस कामयाबी को बरकरार रखने के लिए अपने प्रयास निरंतर जारी रखें।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए गर्भधारण के प्रत्येक मामले को शुरूआती दिन से ट्रैक करने का निर्देश दिया जा चुका है। अनुपात को लेकर सरकार का विशेष फोकस है। कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा से ही बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ मुहिम की शुरूआत की थी। इसके बाद से लगातार लिंगानुपात में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में निरंतर सुधार में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा समाजसेवी संस्थाओं के साथ-साथ प्रदेश सरकार की प्रोत्साहन योजनाएं भी कारगर सिद्ध हुई है। राज्य सरकार ने महिलाओं व बेटियों के लिए अनेक योजनाओं को क्रियान्वित किया है।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि पीएनडीटी और पोस्को एक्ट भी लिंगानुपात के मामले में प्रभावी साबित हुए। उन्होंने कहा कि अनाधिकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों व अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग संस्थाओं पर छापे मारकर अपराधियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करके लिंग निर्धारण कन्या भ्रूण हत्या के घृषित कार्य में लगे अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
गर्भवती महिलाओं पर पूरी निगरानी:
लिंगानुपात में अव्वल रहने पर खुशी जाहिर करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी बिमलेश कुमारी ने कहा कि विभाग द्वारा उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार के निर्देश पर गर्भवती महिलाओं पर पूरी निगरानी रखी जा रही है। हर माह यह देखा जाता है कि कितनी महिलाओं ने गर्भपात करवाया है और इसका क्या कारण रहा है। विशेष तौर पर 4 माह की गर्भवती महिलाओं पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि गुप्त सूचनाओं के आधार पर छापेमारी का कार्य भी किया जा रहा।
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