संजीव कुमार, रोहतक :
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय निशानेबाजी दल के सबसे युवा सदस्य दिव्यांश पंवार से देश को काफी उम्मीदें हैं। वे 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में दमखम दिखाएंगे। फिलहाल वे अपने वर्ग में दुनिया की दूसरी रैंक पर हैं। जयपुर राजस्थान की ओर से टोक्यो के महाखेल कुंभ गए दिव्यांश पंवार मूलत: रोहतक के गांव रिठाल से हैं। रोहतक के वरिष्ठ डाक्टर गजराज कौशिक ने बताया कि दिव्यांश ने अपनी प्राथमिक शिक्षा इसी गांव के स्कूल से ली। बाद में वे परिवार समेत जयपुर रहने लगे और उन्होंने 2014 में अपना शूटिंग करियर जंगपुरा शूटिंग रेंज में महज 12 साल की उम्र में शुरू कर दिया।
दिव्यांश को बचपन से ही शूटिंग में दिलचस्पी थी। उनके पिता अशोक पंवार ने उनके लिए लक्ष्य बनाए थे और वह प्लास्टिक गन से निशानेबाजी कराते थे। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत उनके पिता अशोक ने अपना तबादला दिल्ली करा लिया था जहां उन्होंने दिव्यांश को कोच दीपक कुमार दुबे के तहत प्रशिक्षण दिलाया। दिव्यांश 2018 से लगातार बेहतरीन परफार्मेंस दे रहे हैं। 2018 आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल पुरुषों की स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। राइफल शूटर ने आईएसएसएफ विश्व कप फाइनल और एशियाई खेलों 2019 में स्वर्ण पदक जीता। दिव्यांश ने आईएसएसएफ विश्व कप बीजिंग 2019 में रजत पदक जीतकर ओलंपिक का टारगेट हासिल कर लिया। दिव्यांश ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 7 गोल्ड, 2 सिल्वर और 2 ब्रान्ज मेडल अपने नाम किए हैं। देश को अब उनसे टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल की पूरी पूरी उम्मीदें हैं।