रोहतक : ये कानून किसानों के हित में नहीं :  रोहताश कुमार

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संजीव कुमार, रोहतक :
आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के प्रदेश कमेटी सदस्य रोहतास कुमार सैनी के नेतृत्व में बस्तीराम, सुखबीर सिंह, नरसिंह तथा संदीप कुमार ने तीन काले कृषि कानून व बिजली बिल संशोधन 2020 को रद्द करने तथा एमएसपी को कानूनी दर्जा देकर फसल खरीद की गारंटी देने की मांग पर किसान संसद की बैठक में भाग लेने के लिए प्रस्थान किया और सिंघु बॉर्डर से अन्य किसानों के साथ जंतर मंतर जा कर किसान संसद की कार्रवाई में भाग लिया। चर्चा में भाग लेते हुए रोहताश कुमार सैनी ने कहा कि ये कानून किसानों के हित में नहीं हैं। ये कारपोरेट घरानों के हित में हैं। आवश्यक वस्तु कानून में संशोधन कर छह जरूरी चीजों-तमाम अनाज, दालों, आलू, खाद्य तेल और तिलहन की स्टाक लिमिट खत्म कर जमाखोरी व कालाबाजारी की खुली छूट दे दी गई है। इससे बेतहाशा महंगाई बढ़ेगी जिससे किसानों के साथ-साथ ग्रामीण व शहरी तमाम जनता को भुखमरी के संकट में धकेल दिया जाएगा।

नये मंडी कानून में मौजूदा मंडियों के समानांतर प्राइवेट मंडियों का जाल फैलाने की बेरोकटोक छूट दी गई है। इससे कृषि उपज की तमाम खरीद बेच पर बड़े पूंजीपतियों व प्राइवेट कंपनियों का पूर्ण नियंत्रण कायम हो जाएगा। ये खुद मनमर्जी के भाव तय करेंगी। पूरा थोक व खुदरा व्यापार इनकी मुट्ठी में होगा। ये कंपनियां आढ़तियों के मुकाबले हजारों हजार गुना बड़ी ताकतवर हैं। जाहिर है इन कानूनों से आजादी या रक्षा कवच लुटेरी प्राइवेट कंपनियों को मिला है, किसान तो बुरी तरह से मारा जाएगा। कान्ट्रैक्ट फार्मिंग अर्थात अनुबंध खेती के कानून में बड़ी कंपनियां किसानों से अपनी पसंद की खेती करांएगी। अपने ही खेत में किसान उनका मुजारा बनकर रह जाएगा। इसका मतलब होगा कमाएगा किसान, मालामाल होंगी कंपनियां। शुरू शुरू में कंपनियां सुनहरी सपनों का जाल बिछाएंगी। बाद में किसानों का इनके चंगुल से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा और वे अपनी कृषि भूमि को नहीं बचा पाएंगे। बिजली बिल संशोधन द्वारा बिजली पूरी तरह से  प्राइवेट कंपनियों के हाथ में आ जाने से सब्सिडी खत्म हो जाएगी। इससे सिंचाई बेतहाशा महंगी होने से खेती का लागत खर्च बढ़ जाएगा और गरीब लोग बिजली से वंचित हो जाएंगे। अध्यक्ष महोदय, हम इन तीनों कृषि कानूनों तथा बिजली बिल संशोधन 2020 का कड़ा विरोध करते हैं और इन्हें तुरंत रद्द करने तथा एमएसपी को कानूनी दर्जा देकर फसल खरीद की गारंटी देने का कानून बनाने की सरकार से मांग करते हैं।