संजीव कुमार, रोहतक :
सरकार की लचर व्यवस्था के कारण प्रदेश में गौ संवर्धन एवं संरक्षण का कार्य रसातल में जा चुका है तथा सभी गौशाला संचालकों, गोसेवकों की हालत दयनीय बनी हुई है। गौ तस्करी जोरों पर है तथा खुलेआम तस्करी करने वालों पर सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। यह बात हरयाणा राज्य गोशाला संघ के प्रदेशाध्यक्ष शमशेर आर्य ने गौ भक्तों को संबोधित करते हुए कही।
शमशेर आर्य ने बताया कि कोरोना महामारी और लाकडाउन के कारण गौशाला संचालकों को चारा व दान चंदा मिलने में परेशानी हो रही है तथा सरकार के द्वारा भी कोई सहायता नहीं दी जा रही । जिससे अधिकतर गौशालाओं में गोवंश भूखा मरने की स्थिति बनी हुई है। गौ तस्करों के हौसले इतने बुलंद है कि सरेआम गोवंश को उठा ले जाते हैं और इसके बावजूद पुलिस द्वारा उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। गौशाला संघ जिला रोहतक के महासचिव मंदीप मोर ने बताया कि सड़कों पर बेसहारा गोवंश की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसके कारण तस्करी जोरों पर है तथा किसानों की फसल बर्बाद होने के कारण यह गंभीर समस्या बनी हुई है।
मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
गौ सेवकों ने बैठक के बाद मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त रोहतक के माध्यम से ज्ञापन भेजा जिसमें मांग की गई है कि
1. गौशाला संचालकों को तुरंत विशेष अनुदान दिया जाए।
2. सड़कों पर बढ़ रहे बेसहारा गोवंश की व्यवस्था की जाए।
3. गौतस्करी पर लगाम लगाई जाए तथा गौ तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
4. गौ सेवकों व गौरक्षकों को प्रोटेक्शन उपलब्ध करवाई जाए।
5. जिला स्तर पर गठित गौ-टास्क फोर्स को सक्रिय किया जाए।