संजीव कुमार, रोहतक :
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के मेडिकल एजुकेशन सभागार मे बुधवार से तीन दिवसीय छठा रिवाईज बेसिक कोर्स शुरू हो गया है। कोर्स का शुभारंभ पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति डा. रोहताश कंवर यादव ने किया। मंच का संचालन बेहोंशी एवं क्रिटिकल केयर विभाग के प्रोफैसर डा. प्रशांत कुमार ने किया।
इस अवसर पर चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कार्यकारी कुलपति डा. रोहताश यादव ने कहा कि पीजीआईएमएस अपने संस्थान के चिकित्सकों को नए कोर्स से हमेशा अपडेट रखता है और इस कोर्स के लिए वें इंचार्ज डा. सुजाता सेठी व उनकी टीम को बधाई देते हैं, जो समय-समय पर इस प्रकार के कोर्सों का आयोजन करवाती रहती हैं। डा. यादव ने कहा कि हमें भी अधिक से अधिक उत्साह के साथ इस प्रकार के कोर्स में हिस्सा लेना चाहिए ताकि हम नवीनतम जानकारी प्राप्त करके उससे अपने विद्यार्थियों को लांभान्वित कर सकें। उन्होंने कहा कि यह संस्थान के चिकित्सकों के लिए बड़ी अच्छी बात है कि एनएमसी द्वारा ट्रेनिंग के लिए इस संस्थान को चुना गया है अन्यथा चिकित्सकों को दूसरे प्रदेश या जिले में जाकर ट्रेनिंग लेनी पडती। डीन डा. सरिता मगगू ने कहा कि हम खुद को अपडेट नहीं रखेंगे तो अपने विद्यार्थियों को कहां से अपडेट रखेंगे यह युग इंटरनेट का युग है ऐसे में हमें नवीनतम तकनीकों से खुद को अपडेट रखना चाहिए। कोर्स की इंचार्ज डा. सुजाता सेठी ने बताया कि यह उनका छठा रिवाईज बेसिक कोर्स है। इसमें अध्यापकों को एमसीआई की नई गाइडलार्इंस के बारे में बताया जाएगा। डा. राकेश मित्तल ने बताया कि मेडिकल एजुकेशन में सुधार के लिए यह कोर्स अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में बदलाव होने के चलते अध्यापकों को उसमें आए बदलावों के बारे में विस्तार से पता होना चाहिए, जिससे वें और बेहतर तरीके से छात्रों को शिक्षा प्रदान कर सकें। डा. प्रशांत ने दा आईएमजी- लक्ष्य, भूमिका और दक्षता के बारे में विस्तार से चिकित्सकों को समझाया। डा. प्रशांत कुमार ने बताया कि इस कोर्स में हर बार नए अध्यापक शामिल किए जाते हैं और इस बार करीब 25 अध्यापक हिस्सा ले रहे हैं। एमईयू के सदस्य डा. उमेश यादव ने बताया कि यह कोर्स 4 से 6 अगस्त तक चलेगा। उन्होंने बताया कि इस कोर्स में एनएमसी की आर्ब्जवर डा. सुमीता सेठी उपस्थित हुई हैं। इस अवसर पर दर्जनों चिकित्सक उपस्थित थे।
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