संजीव कुमार, रोहतक :
उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा है कि किसान एवं खेतीहर मजदूरों को दिन-रात खेत-खलिहानों में काम करना पड़ता है और उन्हें 24 घंटे कई तरह की दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। ऐसे में अगर परिवार के कमाऊ सदस्य की अकाल मौत हो जाए तो पूरे परिवार के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाता है।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना चलाई जा रही है। उपायुक्त ने कहा कि किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए लागू कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए गए है ताकि योजना का लाभ हर पत्र व्यक्ति को मिले और कोई भी इससे वंचित ना रहे। इस योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अगर कृषि कार्यों के दौरान खेतों, गांवों, मार्किट यार्ड तथा ऐसे स्थानों से आते-जाते समय कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो इस योजना के तहत मार्किट कमेटी द्वारा पीड़ितों को वित्तीय सहायता दी जाती है।
योजना के तहत दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये, रीढ़ की हड्डी टूटने या स्थायी अशक्तता होने पर ढाई लाख रुपए, दो अंग भंग होने पर या स्थायी गंभीर चोट होने पर 1,87,500 रुपए की सहायता दी जाती है। इसी प्रकार, एक अंग भंग होने या स्थायी चोट लगने पर सवा लाख रुपए, पूरी उंगली कटने पर 75 हजार रुपए, आंशिक उंगली भंग होने पर 37 हजार रुपए की राशि मार्किट कमेटी के माध्यम से दी जाती है। उन्होंने बताया कि मृत्यु के मामले में आर्थिक सहायता हेतु दावा करने के लिए पुलिस रिपोर्ट व पोस्टमार्टम का होना जरूरी है। अशक्तता की स्थिति में प्रमाण पत्र व अंग हानि होने की स्थिति में शेष बचे हुए अंग की फोटो दावे के साथ प्रस्तुत की जानी चाहिए। इसके अलावा, आवेदक को दुर्घटना के दो महीने के अन्दर संबंधित मार्किट कमेटी के सचिव के पास आवेदन करना होगा।