संजीव कुमार, रोहतक :
छात्र संगठन एआईडीएसओ ने एच एस एस सी के चेयरमैन को पेपर लीक मामले में ईमेल के माध्यम से सुझाव भेजें। यह जानकारी संगठन के प्रदेश सचिव उमेश मौर्य ने दी। उन्होंने कहा कि मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने पेपर लीक को रोकने के लिए कानून बनाने का मसौदा हरियाणा सरकार को भेजा है। जिसमें दोषियों को सजा देने की बात तो है लेकिन पीड़ित अभ्यर्थियों को होने वाले आर्थिक व मानसिक नुकसान की भरपायी के लिए कुछ भी नही कहा गया है। उमेश मौर्य ने कहा कि पेपर लीक व परीक्षा रद्द का मामला कोई नया नहीं है। यह एक आम समस्या बन चुकी है। यह अनजाने में नहीं बल्कि सोची समझी साजिश है। अपने चहेतों को नौकरी देने व नौकरी के बदले पैसे उगाहने जैसे भ्रष्टाचार प्रदेश की विभिन्न सरकारों ने किया है जिसको बीजेपी की खट्टर सरकार ने और तेज किया है। लगता है सरकार जनता में यह भ्रम पैदा करना चाहती है कि कानून न होने से ही पेपर लीक होते है। जबकि जनता में आम धारणा है कि सरकारी तन्त्र की मिलीभगत के बिना यह सम्भव नहीं है। असल में, बाड़ ही खेत को खा रही है। 12 बार पेपर लीक होने और भर्ती प्रक्रिया को ध्वस्त कर नौकरी के अवसर समाप्त करने से जनता में उपरोक्त धारणा पुष्ट होती है। पुलिस भर्ती पेपर लीक के मामले में सरकार आखिर सीबीआई जांच से क्यों बच रही है। पुलिस पर अपार बजट खर्च करने के बावजूद भी इस तरह के अपराधों पर कोई रोकथाम न होना अपने आप में एक गम्भीर मामला बनता है। नतीजतन, सरकार व प्रशासन की आपराधिक लापरवाही व भ्रष्टाचार का खामियाजा परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। आखिर कब तक यह चलेगा। पुलिस भर्ती पेपर लीक व भर्ती रद्द के खिलाफ संगठन जिला मुख्यालयों पर 21 अगस्त को प्रदर्शन करेगा।
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