संजीव कुमार, रोहतक :
पीजीआईएमएस में पकड़े गए इप्लांट मामले में अब जांच आईएएस अधिकारी डा. साकेत कुमार करेंगे। वे इंडस्ट्री एंड कमर्शियल विभाग में डायरेक्टर जनरल के पद पर हैं। तत्कालीन अधिकारी नरेंद्र सरोहा को पीजीआई प्रशासन की ओर से 4 अगस्त को पंचकूला पेश होने के लिए लिखित पत्र दिया गया है। 2018 में तत्कालीन सुरक्षा अधिकारी नरेंद्र सरोहा ने ही ये इंप्लांट पकड़े थे। उस समय कीमत करोड़ों में बताई गई थी। अब इस मामले में नरेंद्र सरोहा के अलावा पीजीआई आर्थो विभाग के अध्यक्ष डाक्टर रामचंद्र सिवाच, मेडिकल मोड स्थित अजय सर्जिकल, मैसर्स आरएस आर्थो टेक्नोलाजी लक्ष्मी नगर दिल्ली, मैसर्स नरवाल मेडिकल एंड सर्जिकल मेडिकल मोड को भी 4 अगस्त को जांच में शामिल होकर जवाब देने के लिए नए जांच अधिकारी साकेत कुमार ने पत्र भेजा है। बता दें कि 23 जुलाई 2018 को पीजीआई के एमएस कार्यालय के सामने मेन गेट से करोड़ों के इप्लांट जब बाहर ले जाए जा रहे थे तो नरेंद्र सरोहा और उनकी टीम ने इन्हें पकड़ा। पूछताछ में इप्लांट के साथ कर्मचारियों ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो इन्हें जब्त कर लिया गया। इसकी जानकारी तत्कालीन डीएमएस डाक्टर सुखबीर को दी गई। इस मामले में पूर्व जांच अधिकारी रिटायर्ड जस्टिस आरपी भसीन ने जांच की। सभी के बयान भी दर्ज किए गए। लेकिन हैरानी की बात है कि अब नए जांच अधिकारी साकेत कुमार नियुक्त होने के बाद उन्हें जांच में शामिल नहीं किया गया।
14 डाक्टर शपथपत्र दे चुके
पीजीआई के 14 डॉक्टर 2018 में शपथ पत्र दे चुके हैं कि उन्हें भी जांच में शामिल किया जाए। इन डाक्टरों के अलावा हेल्थ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. एच के अग्रवाल ने भी शपथ पत्र दे रखा है। जांच अधिकारी ने इस मामले में संबंधित पीजीआई थाना प्रभारी, तत्कालीन एसपी, तत्कालीन आईजी और कुलपति को पत्र लिखकर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने के लिए लिखा था, संज्ञान नहीं लिया।
हाईकोर्ट में 13 को सुनवाई
इंप्लांट मामले में अब तेजी अने लगी है। हाईकोर्ट में 13 अगस्त को सुनवाई है। इससे पहले हाईकोर्ट में जांच में शामिल होने वाले मेडिकल मोड स्थित दो दुकानदारों ने फरियाद की कि उनका जब्त माल छोड़ दिया जाए, लेकिन जब हाईकोर्ट ने इन दुकानदारों से उन डाक्टरों का नाम पूछा कि कौन कौन डाक्टर इंप्लांट्स मंगवाते थे तो उन्होंने नाम नहीं बताया।
पीजीआईएमएस में पकड़े गए इप्लांट मामले में अब जांच आईएएस अधिकारी डा. साकेत कुमार करेंगे। वे इंडस्ट्री एंड कमर्शियल विभाग में डायरेक्टर जनरल के पद पर हैं। तत्कालीन अधिकारी नरेंद्र सरोहा को पीजीआई प्रशासन की ओर से 4 अगस्त को पंचकूला पेश होने के लिए लिखित पत्र दिया गया है। 2018 में तत्कालीन सुरक्षा अधिकारी नरेंद्र सरोहा ने ही ये इंप्लांट पकड़े थे। उस समय कीमत करोड़ों में बताई गई थी। अब इस मामले में नरेंद्र सरोहा के अलावा पीजीआई आर्थो विभाग के अध्यक्ष डाक्टर रामचंद्र सिवाच, मेडिकल मोड स्थित अजय सर्जिकल, मैसर्स आरएस आर्थो टेक्नोलॉजी लक्ष्मी नगर दिल्ली, मैसर्स नरवाल मेडिकल एंड सर्जिकल मेडिकल मोड को भी 4 अगस्त को जांच में शामिल होकर जवाब देने के लिए नए जांच अधिकारी साकेत कुमार ने पत्र भेजा है।
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