संजीव कौशिक, Rohtak News:
शहर की प्यास बुझाने के लिए और पानी की व्यवस्थित निकासी के लिए 2018 में शुरू किया 300 करोड़ का अमृत प्रोजेक्ट एक बार फिर सवालों के घेरे में है। प्रोजेक्ट के तहत बोहर गांव के नजदीक बनकर तैयार हुआ जलघर नंबर तीन ट्रायल के अंदर ही फेल हो गया, क्योंकि उसके वाटर टैंक से पानी लीक हो रहा है।
300 करोड़ के प्रोजेक्ट अब भी अधूरे
मंगलवार को निगम आयुक्त डॉक्टर नरहरि बांगड़ ने निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की। साथ ही जल्द लीकेज दूर करने के निर्देश दिए। प्रदेश की सियासी राजधानी रोहतक शहर प्रशासनिक व्यवस्था का दंश झेल रही है। पांच साल (2013-2018) अमृत योजना के इंतजार में बीत गया। तीन साल पहले शुरू हुए 300 करोड़ के प्रोजेक्ट का काम 18 माह में पूरा होना था, लेकिन आज भी अधूरा पड़ा है। इसका खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं। पेयजल व सीवर लाइन बिछाने के नाम पर सड़कें खोद दी गई। एक तरफ बारिश में गलियां, सड़कों से लेकर चौक-चौराहे पानी से लबालब हैं तो दूसरी तरफ कई कॉलोनियों में पीने का पानी नहीं पहुंच रहा।
अधिकारियों की बैठक और प्रोजेक्ट समीक्षा
हालात यह है कि बोहर गांव के नजदीक जलघर नंबर तीन प्रोजेक्ट के तहत बनकर तैयार हो चुका है। 10 दिन पहले ट्रायल के तहत जलघर से पानी की सप्लाई शुरू की गई, लेकिन वाटर टैंक से पानी का रिसाव होने लगा। इसके चलते ट्रायल रोक दिया गया है। मंगलवार को निगम आयुक्त ने इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों के साथ बैठक की और अमृत प्रोजेक्ट की समीक्षा की।
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