स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में विश्व तंबाकू निषेध दिवस

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World No Tobacco Day
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संजीव कौशिक, Rohtak News: पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में मंगलवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पब्लिक हैल्थ डेंटिसटरी के विद्यार्थियों की ओर से एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया।

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किशोरावस्था से होती है धूम्रपान की शुरुआत

कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना ने कहा कि धूम्रपान व तंबाकू सेवन बीमारियों की जड़ है। धूम्रपान की शुरुआत किशोरावस्था से होती है, बच्चे अक्सर बड़ो की देखा देखी या अपने आप को बड़ा साबित करने के लिए धूम्रपान एवं नशा करते है। डॉ. अनिता सक्सेना ने कहा कि गर्भावस्था में धूम्रपान करने से बच्चा कम वजन का पैदा होता है, बच्चों में सक्रमंण रोग,श्वास रोग,मानसिक विकार तथा मृत्यु की अधिक संभावना रहती है।

कुलसचिव डॉ. एचके अग्रवाल ने कहा कि विश्वभर में मृत्यृ एवं अनेक रोगों का मुख्य कारण तंबाकू सेवन माना गया है जैसे एलर्जी, दमा,सांस की बीमारी,खाज,खुजली, निकोटिन से होने वाली बीमारियां कैंसर,हार्ट अटैक, एजांइना सीने में दर्द, गला सांस की नली, ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक मास्तिष्क, आघात,पेट की बीमारियां ऐसीडीटी आदि।

प्रतिवर्ष 50 लाख लोगों की होती है मौत

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डॉ. अग्रवाल ने कहा कि विश्वभर में धूम्रपान एवं तंबाकू सेवन से प्रतिवर्ष लगभग 50 लाख लोगों की मौत होती है और प्रत्येक आठ सैकेंड में एक मौत तंबाकू के सेवन के कुप्रभावों के कारण होती है। पीजीआईडीएस के प्राचार्य डॉ. संजय तिवारी ने बताया कि लोगों को धूम्रपान के नुकसान से जागरुक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। डॉ. संजय तिवारी ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि तंबाकू व धू्रमपान का सेवन न करें क्योकि इस आदत से कितने लोग मौत का शिकार बनते है, उससे कही अधिक लोग नकारा जीवन व्यतीत करते है।

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2 से 15 फीसद महिलाएं भी शिकार

पब्लिक हेल्थ डेंटिसटरी विभागाध्यक्ष डॉ.मंजूनाथ ने बताया कि आज रोटरी कल्ब के सौजन्य से एक जागरूकता रैली निकाली गई, जिसमें सैकड़ों विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि भारत में प्रतिदिन करीब 2000 से 2500 लोगों की मृत्यु तंबाकू संबधित कारणों से होती है तथा 15 वर्ष से अधिक उम्र के 40 से 60 प्रतिशत वर्ष पुरूष, 2 से 15 प्रतिशत शहरी स्त्रियां और 20 से 50 प्रतिशत ग्रामीण स्त्रियां सेवन करती है।

कैंसर से होने वाली 30 प्रतिशत मौते सिगरेट व बीड़ी के सेवन से होती है, व्यस्क पुरूषों व महिलाओं में धूम्रपान सेवन से प्रजनन क्षमता एवं गुणवात्ता पर भी असर पड़ सकता है। डॉ. मंजूनाथ ने कहा कि सभी जिम्मेदार नागरिकों का कत्र्तव्य है कि वह न स्वयं तंबाकू व धूम्रपान को छोड़ें एवं दूसरों को छोड़ने के लिए प्रेरित करें।

काउंसिलिंग से छूटेगी धूम्रपान की आदत

उन्होंने कहा कि पीजीआईडीएस में तंबाकू छोड़ने के लिए काउंसिलिंग भी करवाई जाती है। डॉ. मंजूनाथ ने तंबाकू की तलब से बचाव के उपायों से अवगत करवाते हुए कहा कि यदि आपको तंबाकू सेवन की प्रबल इच्छा हो रही है तो तम्बाकू के बदले सौंफ, इलायची एवं कच्ची सब्जियां और सलाद का सेवन करें, पानी ज्यादा मात्रा मे पिएं, लंबी गहरी सांस लेना आपको शांत कर सकता है और तंबाकू की तलब को कम करने मे भी सहायता करता है।

इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक प्रीति आईएएस, डॉ. मंजूनाथ, डॉ. शिखा तिवारी, डॉ. अम्बिका, डॉ. आदर्श, डॉ. विपुल यादव, डॉ. हरनीत सिंह, रोटरी क्लब से डा.रवि गुगलानी, राजेश कपूर, संजीव वर्मा, अध्यक्ष हनीश महेंद्रु और हिमांशु कत्याल मौजूद रहे।