संजीव कौशिक, Rohtak News:
जिंदगी में भी कई-कई बार मोबाइल की तरह डिस्कनेक्शन हो जाता है, पर धैर्य रखना पड़ता है और फिर नेटवर्क री-कनेक्ट होता है। जिंदगी के संघर्षों, दु:ख-सुख, उजाला-अंधेरा और अस्तित्व और अस्मिता की लड़ाई का जीवंत प्रस्तुति देता नाटक ‘विद लव, आप की सय्यारा’ का शानदार मंचन एमडीयू के सभागार में हुआ।
जूबी पर केंद्रित रही जिंदगी की जद्दोजहद
एकजुट थिएटर ग्रुप के तत्वावधान में प्रतिष्ठित अदाकारा जूही बब्बर सोनी की ओर से लिखित तथा निर्देशित इस नाटक में मुंबई शहर की एक एकल महिला (सिंगल वीमन) की जिंदगी की जद्दोजहद का शानदार प्रदर्शन स्वयं जूही बब्बर सोनी ने किया। जूही बब्बर सोनी ने इस नाटक में एक तलाकशुदा सफल लेखिका का किरदार बखूबी निभाया। उन्होंने दो बार तलाक झेलने वाली महिला का दर्द भाव प्रवण अभिनय से उकेर दिया। समाज में तलाकशुदा महिलाओं के प्रति लोगों के रवैये का भी जीवंत चित्रण जूही बब्बर ने किया।
वीना दी की मौजूदगी ने जीवंत की कलाकारी
इस शानदार नाट्य प्रस्तुति में अचिंत मरवाह ने पात्र ‘हरजीत’ तथा स्मिता जुवाटकर ने पात्र ‘वीना दी’ का अभिनय किया। नाटक में संगीत संजोया अचिंत मरवाह ने तथा सेट तथा प्रोडक्शन कार्य अनुश्री भडंग ने किया। आकाश चौधरी ने नाट्य प्रोडक्शन सहयोग दिया। इस नाटक का तकनीकी निर्देशन रवि मिश्रा ने किया। पं. लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी आॅफ विजुअल एण्ड परफार्मिंग आॅर्ट्स (रोहतक) तथा मदवि द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस नाटक प्रस्तुति कार्यक्रम में पीएलसुपवा कुलपति गजेन्द्र चौहान तथा मदवि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह उपस्थित रहे।
ये लोग रहे मौजूद
मदवि की प्रथम महिला डा. शरणजीत कौर, पीएलसुपवा रजिस्ट्रार डा. किरण कंबोज, एमडीयू अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. राजकुमार, सुपवा डीएसडब्ल्यू डा. ग्यानेंद्र सिंह, मदवि के मानविकी एवं कला संकाय अधिष्ठाता प्रो. हरीश कुमार, सुपवा के परीक्षा नियंत्रक वी.पी. नांदल, मदवि के निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, चीफ वार्डन प्रो. रणदीप राणा, आकाशवाणी के सेवानिवृत्त निदेशक धर्मपाल मलिक, समेत मदवि एवं सुपवा के स्टाफ सदस्य एवं विद्यार्थी तथा रोहतक के नाट्य प्रेमी नागरिक उपस्थित रहे।
इन लोगों ने निभाई जिम्मेदारी
कार्यक्रम में मंच संचालन मदवि के निदेशक युवा कल्याण डा. जगबीर राठी ने किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में स्वागत भाषण अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. राजकुमार ने दिया। नाटक समूह का परिचय अधिष्ठाता, मानविकी एवं कला संकाय प्रो. हरीश कुमार ने दिया। कार्यक्रम के समापन पर आभार प्रदर्शन पीएलसुपवा के डीएसडब्ल्यू डा. ग्यानेंद्र ने किया।
लंबी है गम की शाम, पर शाम ही तो है
मदवि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह तथा पीएलसुपवा कुलपति गजेन्द्र चौहान ने भविष्य में भी संयुक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की। मदवि की प्रथम महिला डा. शरणजीत कौर ने भी संबोधन किया। समाज में लैंगिक समता और महिलाओं के प्रति संवेदी, मानवीय दृष्टिकोण की पुरजोर वकालत करता हुआ, नारी की स्वयंसिद्धा अस्तित्व को उजागर करता हुआ, नाटक विद लव, आपकी सय्यारा संदेश दे गया- दिल नाउम्मीद तो नहीं, नाकाम ही तो है, लंबी है गम की शाम, पर शाम ही तो है।” राधाकृष्णन सभागार में उपस्थित जन को ये नाटक मंत्रमुग्ध कर गया।
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