महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में दो डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू

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Two Diploma Courses Started in MDU
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संजीव कौशिक, Rohtak News:
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से सेंटर ऑफ डिसएबीलिटी स्टडीज (सीडीएस) के तत्वावधान में दो डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू हो रहे हैं। एमडीयू के निदेशक, सेंटर फॉर डिसएबीलिटी स्टडीज प्रो. राधेश्याम तथा फैकल्टी ऑफ इंटर डिसीप्लीनरी स्टडीज के डीन प्रो. सुरेंद्र कुमार ने आज मीडिया इंटरेक्शन प्रोग्राम में इन दो नए पाठ्यक्रमों की जानकारी साझा की।

दोनों कोर्सों में होंगी 30-30 सीटें

निदेशक, सीडीएस प्रो. राधेश्याम ने बताया कि भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) से मान्यता प्राप्त- डिप्लोमा इन इंडियन लैंगवेज इंटरप्रेटिंग (डीआईएसएलआई) तथा डिप्लोमा इन टीचिंग इंडियन साइन लैंगवेज (डीटीआईएसएलआई) प्रारंभ किए जा रहे हैं। इन दोनों पाठ्यक्रम में 30-30 सीटें होंगी। प्रवेश आरसीआई द्वारा आयोजित आल इंडिया ऑनलाइन एप्टीट्यूट टेस्ट के जरिए होगा। प्रवेश प्रक्रिया 22 जून को प्रारंभ हुई है। इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 21 जुलाई है। प्रवेश के लिए आरसीआई की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा।

सांकेतिक भाषा पाठ्यक्रम शुरू करने वाली पहली यूनिवर्सिटी

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प्रो. राधेश्याम ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय भारतीय सांकेतिक भाषा से संबंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ करने वाला पहला विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि एमडीयू का हरियाणा वेल्फेयर सोसायटी फॉर पर्संस विद स्पीच एण्ड हियरिंग इंपेयरमेंट के साथ एमओयू है, जिससे कि इन पाठ्यक्रमों के संचालन में काफी मदद मिलेगी। प्रो. राधेश्याम ने इन पाठ्यक्रमों की विशिष्टता पर चर्चा की।

एमडीयू के फैकल्टी ऑफ इंटर-डिसीप्लीनरी स्टडीज के डीन प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि सांकेतिक भाषा का पठन-पाठन समय की जरूरत है। इससे न केवल मूक-बधिर विद्यार्थी लाभान्वित होंगे, बल्कि इससे नई शिक्षा नीति-एनआईपी 2020 के समावेशी शिक्षा के संकल्प को पूरा करने में भी आसानी होगी। प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि इन पाठ्यक्रमों के जरिए समाज की मुख्यधारा से मूक-बधिर विद्यार्थियों को जोडे में भी मदद मिलेगी।

दोनों पाठ्यक्रमों को बताया बेहतर

हरियाणा वेल्फेयर सोसायटी फॉर पर्सन्स विद स्पीच एण्ड हियरिंग इंपेयरमेंट की परियोजना अधिकारी पल्लवी ने मूक तथा बधिर व्यक्तिओं की शैक्षणिक जरूरतों के लिए इन दोनों पाठ्यक्रमों को महत्त्वपूर्ण बताया। पल्लवी ने बताया कि भारत सरकार भारतीय सांकेतिक भाषा को प्रोत्साहन दे रही है। हरियाणा में वेल्फेयर सोसायटी द्वारा किए जा रहे कार्यों तथा शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी पल्लवी ने साझा की।

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