पानी में डूबने से बेहोशी आ गई हो तो ऐसे व्यक्ति को तुरंत प्रभाव से सीपीआर देकर बचाने का प्रयास किया जा सकता है

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Rohtak News/Resuscitation Day celebrated
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आज समाज डिजिटल, Rohatk news :
संजीव कौशिक, रोहतक: यदि कोई  मरीज किसी दुर्घटना में घायल होकर सड़क के किनारे पड़ा हो या फिर आग या धुएं की चपेट में आकार बेहोश हो गया है। जिनको अचानक से झटका आया हो और वह बेहोश हो गया है। यदि किसी व्यक्ति के पानी में डूबने से बेहोशी आ गई हो तो ऐसे व्यक्ति को तुरंत प्रभाव से सीपीआर देकर उसके बहुमूल्य जीवन को बचाने का प्रयास किया जा सकता है। इस संदर्भ में कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना, कुलसचिव डॉ.एच.के. अग्रवाल, निदेशक डॉ.एस.एस. लोहचब, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ईश्वर सिंह के मार्गदर्शन में पीजीआईएमएस के एनिस्थिसिया एवं क्रिटिकल केयर विभाग के चिकित्सकों एवं विद्यार्थियों ने बुधवार, 27 जुलाईं को चौधरी रणबीर सिंह ओपीडी में पुनर्जीवन (रिसैसिटेशन) दिवस मनाया।

अपने दोनों हाथों की हथेली से 100 बार प्रति मिनट दबाएं

निश्चेतन विभाग की प्रोफेसर डॉ. टीना बंसल ने चिकित्सा जगत से जुड़े कर्मचारियों व आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में जीवन शैली में बहुत ज्यादा बदलवा हो गया है। लोग खान पान में भी ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसके कारण स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। लोग बीमार पड़ रहे हैं। कमजोर स्वास्थ्य होने के कारण ज्यादातर लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है। बच्चे से लेकर युवाओं को भी अटैक आ रहा है। यदि किसी व्यक्ति की सांस व धडक़न रुक जाती है तो तुरंत उसके सीने को दबाना चाहिए, ताकि इससे हदय गति एवं सांस वापस सके और उस मरीज को अस्पताल तक पहुंचाया जा सके। डॉ. टीना ने बताया कि हमें सीपीआर देते हुए कई जरूरी चीजों का ध्यान देना जरूरी होता है, जैसे छाती के बीच की हड्डी  (स्टरनम) के मध्य में अपने दोनों हाथों की हथेली से 100 बार प्रति मिनट दबाएं।

हर नागरिक सीपीआर की जानकारी प्राप्त करके जीवन रक्षक बन सकता है

निश्चेतन विभागा की सीनियर प्रो. डॉ. सुशीला ने कहा कि आज के इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य मरीज के दिल की धड़कने रूक जाने की स्थिति में समय पर सीपीआर दिए जाने के महत्व के बारे में आम जनता को जागरूक करना था। उन्होंने कहा कि समय पर सीपीआर देने से मरीज के बचने की संभावना तीन गुणा तक बढ जाती है। डॉ. सुशीला तक्षक ने कहा कि सीपीआर में हाथ द्वारा ऐसे कंप्रेशन किए जाते हैं, जिससे मुख्य भागों को ऑक्सीजन युक्त खून का संचालन होता रहे और यह आम जनता भी कर सकती है। डॉ. सुशीला ने कहा क हर नागरिक सीपीआर की जानकारी प्राप्त करके जीवन रक्षक बन सकता है।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर डॉ. नंदिता, डॉ. मनीषा, डॉ. तरूण, डॉ. मंगल, डॉ. हिमानी, डॉ. सत्यवीर, डॉ. दीपिका, डॉ. नीतू यादव, डॉ. निहारिका, डॉ. बिन्नी, डॉ. प्रफूला, डॉ. राहुल, डॉ. अंकित, डॉ. विपिन, डॉ. रोहित, डॉ. मोहित, हरीश, प्रदीप, एकता, सोनिया, प्रवेश, ममता, साहिल, गगन, तमन्ना, भूपेश, संदीप, विक्रम आदि उपस्थित थे।