संजीव कौशिक, Rohtak News:
विकास की दौड़ में हमने अपने स्वार्थवश प्रकृति का अंधाधुंध दोहन व पेड़ों की कटाई से पृथ्वी का अस्तित्व खतरे में डाल दिया है। जिसके कारण आज पूरी पृथ्वी भट्ठी की तरह तप रही है। उक्त विचार अखिल भारतीय जाट सूरमा स्मारक महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. महेश ख्यालिया ने व्यक्त किए। इस दौरान कॉलेज परिसर में विश्व पर्यावरण दिवस पर वाईआरसी और एनसीसी के विद्यार्थियों ने पौधरोपण भी किया।
अच्छे भविष्य के लिए प्रकृति की ओर लौटना जरूरी
डॉ. ख्यालिया ने कहा कि अगर हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को अच्छा भविष्य देना है तो प्रकृति की ओर लौटना ही विकल्प है। उन्होंने वाईआरसी वालिंटियर्स व एनसीसी कैडेट्स को प्रकृति के साथ जुड?े के लिए कहा और साथ ही अपने जन्मदिवस पर घर में एक-एक पौधे लगाने और उसकी देखभाल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि पौधरोपण करके पर्यावरण दिवस मनाना सराहनीय कदम है। साथ ही हर वर्ग को आगे आकर पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लेना होगा।
प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी अहम
कॉलेज के वाईआरसी कोआॅर्डिनेटर व एनसीसी अधिकारी डॉ. विवेक दांगी ने कहा कि प्रकृति से हमें बहुत कुछ मिलता है तो हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि इसकी सुरक्षा करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है। जिसके लिए जरूरी है कि हमें ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए। इस दौरान विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई। इस अवसर पर वाईआरसी कोआॅर्डिनेटर व एनसीसी अधिकारी डॉ. विवेक दांगी के साथ सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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