संजीव कौशिक, Rohtak News:
अंगदान कर हम दुनिया से जाने के बाद और जीवित रहते भी कई लोगों की जान बचा सकते हैं। अंगदान महादान है। लोग जागरूकता की कमी और भ्रांतियों की वजह से अंगदान नहीं कर पाते। यह कहना है पीजीआईएमएस में स्टेनो के पद पर तैनात अजीत सिंह का।
किडनी दान करने से नहीं होती कमजोरी
वे सोटो की ट्रांसप्लांट कोआर्डिनेटर दीप्ति की ओर से संस्थान के ट्रांसपोर्ट विभाग में लगाए जागरूकता कार्यक्रम में अपना अंगदान का फार्म भरने पहुंचे थे। अजीत ने कहा कि अंगदान को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां है, लोग समझते हैं कि किडनी दानकर हमारा शरीर कमजोर हो जाएगा। हम भारी ज्यादा परिश्रम वाला काम नहीं कर पाएंगे। जबकि ऐसा कुछ नहीं एक किडनी शरीर में पूरा काम करने के साथ फिट रखती है। अब किडनी प्रत्यारोपण में दूरबीन से होता है। इसमें कोई दर्द या जटिल आॅपरेशन नहीं होता है। दो दिन में डोनर की अस्पताल से छुट्टी कर दी जाती है।
कई लोगों ने भरा अंगदान फार्म
अजीत ने कहा कि उन्हें अपना अंगदान का फार्म भरकर खुशी हो रही है और वे अपने ज्यादा से ज्यादा साथियों का भी अंगदान का फार्म भरवाएंगे। सोटो के कार्यकारी नोडल अधिकारी डॉ. संदीप ने कहा कि धार्मिक कारण भी कि लोग मानते है कि अगर कोई अंग शरीर से कम हुआ अगले जन्म में भी वह अंग नहीं मिलेगा। जबकि ऐसा कुछ नहीं यह केवल लोगों में भ्रांतियां है।
डॉ. संदीप ने कहा कि हमें जीते जी रक्तदान और अपने अंगदान अवश्य करने चाहिएं, ताकि हम किसी के बहुमूल्य जीवन को बचा सकें। डीएमएस डॉ. संदीप ने कहा कि सोटो विभाग निदेशक डॉ.एस.एस. लोहचब व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ईश्वर की अध्यक्षता में लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रहा है। इस अवसर पर भगत सिंह, नवीन, अनिल, नरेंद्र,रमेश, संदीप, कमल सहित कई कर्मचारी उपस्थित थे।
ये भी पढ़ें : कार्तिकेय शर्मा की जीत को लेकर समस्त ब्राह्मण समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री का किया धन्यवाद
ये भी पढ़ें : खुल गया प्रगति मैदान सुरंग, पीएम मोदी ने किया टनल और अंडरपास का उद्घाटन
ये भी पढ़ें : राहत: रेलवे चलाएगा 205 स्पेशल ट्रेनें, ये है समय और रूट
ये भी पढ़ें : अस्थियां विसर्जन करने गया था परिवार, हादसे में 6 ने प्राण गवाएं
ये भी पढ़ें : ऐसा जिम, जहां सांड करते हैं कसरत