संजीव कौशिक, Rohtak News:
गत 5 वर्षों से स्टाफ को वर्दी नहीं दी जा रही। बिना वर्दी पहने मिलने पर अनुशासनिक कार्रवाई करने के पत्र जारी किए जा रहे हैं। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बिना वर्दी कर्मचारियों पर होती है कार्रवाई
वन कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष जोगेंद्र करौंथा और आनंद शर्मा उपमहासचिव हरियाणा ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक हरियाणा पंचकूला की ओर से पत्र जारी करते हुए आदेश दिए कि फील्ड कर्मचारी, चालक और ग्रुप-डी बगैर वर्दी मिलते हैं तो अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। चतुर्थ श्रेणी (ग्रुप-डी) के कर्मचारियों को वेतन के साथ वर्दी भत्ता मिलता है, लेकिन फील्ड कर्मचारियों को पिछले लगभग 5 साल से ज्यादा समय हो चुका है। सरकार और विभाग की तरफ से वर्दी नहीं दी गई है। जब विभाग के अधिकारी वर्दी का बजट जारी ही नहीं कर रहे हैं तो वर्दी के लिए विवश नहीं किया जा सकता।
वर्दी के बारे में आमने-सामने हो चुकी चर्चा
जोगेंद्र करौंथा ने कहा कि वन कर्मचारी संघ हरियाणा की तरफ से दर्जनों पत्र प्रधान मुख्य वन संरक्षक हरियाणा को लिखे जा चुके हैं और आमने-सामने बैठकर भी वर्दी पर काफी चचार्एं की गई हैं। हर बातचीत में वर्दी का बजट देने के बारे में सहमति बनती है।
परंतु अभी तक वर्दी का बजट जारी नहीं किया है और कर्मचारियों को घर से अपने पैसों की वर्दी सिल्वा कर पहनने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अगर विभाग कर्मचारियों को वर्दी में देखना चाहता है तो पिछले सालों से बकाया वदीर्ओं का बजट तुरंत जारी किया जाए, अगर बगैर वर्दी मिलने पर किसी कर्मचारी पर अनुशासनिक कार्रवाई की गई तो, वन कर्मचारी संघ हरियाणा चुप नही बैठेगा और आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा।
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