शैक्षणिक बदलाव परिदृश्य में शिक्षकों को टैक्नोलोजी एनेब्लड लर्निंग के साथ जुडऩा

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Digital Teaching-Learning Program
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संजीव कौशिक, Rohtak News:
डिजिटल शिक्षण पद्धति भविष्य की प्रचलित शिक्षण पद्धति होगी। उच्च शिक्षा के गुणात्मक विस्तार में डिजीटल टीचिंग-लर्निंग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस शैक्षणिक बदलाव परिदृश्य में शिक्षकों को टैक्नोलोजी एनेब्लड लर्निंग के साथ जुडऩा ही होगा। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने आज एमडीयू के शिक्षकों को आईसीटी टूल्ज में महारत हासिल करने तथा टैक्नोलोजी सैवी टीचर बनने के आह्वान के साथ ये विचार सांझे किए।
डेवपलमेंट सेंटर तथा डिजीटल लर्निंग सेंटर
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवपलमेंट सेंटर (एफडीसी) तथा डिजीटल लर्निंग सेंटर (डीएलसी) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए गए- ई कंटेंट डेवलपमेंट एण्ड आईएलएमएस विषयक कार्यशाला का आज उद्घाटन किया।
ई-कंटेंट क्रिएशन से कक्षाओं को बेहद जीवंत
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था भारत को ज्ञान समाज के रूप में स्थापित करने के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रभावी ई-कंटेंट क्रिएशन से कक्षाओं को बेहद जीवंत बनाया जा सकता है। विश्वविद्यालय में डिजीटल टीचिंग-लर्निंग इको सिस्टम सृजित करने के लिए कुलपति ने शिक्षकों को योगदान देने को कहा। उन्होंने घोषणा की आगामी सत्र से प्रत्येक शिक्षण विभाग में दो कक्षाओं को स्मार्ट क्लास रूम बनाया जाएगा तथा प्रत्येक प्राध्यापक को लैपटॉप या फिर टैबलेट प्रदान किए जाएंगे।

एनईपी 2020 में डिजीटल शिक्षण पर विशेष फोकस 

निदेशक डीएलसी प्रो. नसीब सिंह गिल ने एमडीयू के डिजीटल शिक्षण परिदृश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति- एनईपी 2020 में डिजीटल शिक्षण पर विशेष फोकस है। प्रो. गिल ने बताया कि राष्ट्रीय संस्थान इनफ्लिबनेट के सहयोग से एमडीयू ने आईएलएमएस पोर्टल स्थापित किया है, जो कि एक महत्त्वपूर्ण पहल है। प्रो. गिल ने कहा कि आज का समय फ्लिप, ब्लेंडेड तथा हाइब्रीड टीचिंग-लर्निंग का है। एफडीसी की उप निदेशिका डा. माधुरी हुड्डा ने स्वागत भाषण दिया। मंच संचालन आयोजन सचिव डा. प्रीति गुलिया ने किया। उद्घाटन सत्र में डा. प्रीति गुलिया ने आभार जताया।

लाइव डेमोस्ट्रेशन तथा हैंड्स ऑन टे्रनिंग

इस कार्यशाला के तकनीकी सत्र में प्रो. नसीब सिंह गिल ने एमडीयू एलएमएस तथा मूक्स बारे व्याख्यान दिया। तकनीकी सत्रों में डीएलसी के उप निदेशक डा. अनिल सिवाच ने आईएलएमएस पर लाइव डेमोस्ट्रेशन तथा हैंड्स ऑन टे्रनिंग दी। उप निदेशक डा. अजीत कुमार ने ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग में शिक्षण पद्धति तथा डा. नवीन कुमार ने ई-कंटेंट डेवलपमेंट पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग प्रदान की।

कार्यशाला आयोजन में भाग लिया

कार्यशाला आयोजन सचिव डा. प्रीति गुलिया तथा डा. एकता नरवाल ने कार्यशाला का समन्वयन किया। कार्यशाला उद्घाटन सत्र में डीन, कालेज डेवलपमेंट काउंसिल प्रो. ए.एस. मान, लाइब्रेरियन डा. सतीश मलिक, सीआरएसआई निदेशक प्रो. इंद्रजीत, निदेशक एमडीयू सीपीएएस डा. कैलाश कुमार, प्राध्यापकगण उपस्थित रहे। लगभग 60 प्रतिभागियों ने कार्यशाला में भाग लिया।