संजीव कुमार, रोहतक :
अस्थल बोडेर्रा विवाद में आज नैशनल लाइंस फार दलित ह्यूमन राइट्स की टीम ने मिर्चपुर की दलित बस्ती में आगजनी व हत्याकांड में पीड़ित वाल्मीकि पक्ष के वकील रहे अधिवक्ता रजत कलसन के नेतृत्व में डेर का दौरा किया। इसके बाद अधिवक्ता कलसन ने कहा कि एक जाति विशेष के लोगों ने पुलिस, प्रशासन व सरकार के साथ मिलीभगत कर दलित समाज के संतो के सम्मान व प्रतिष्ठा को भारी ठेस पहुंचाई है तथा उनके पूजा व साधना स्थलों पर कब्जा किया गया है तथा अब इस लड़ाई को दलित समाज के साथ मिलकर सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे व दलित समाज के प्रतिष्ठित संतों का सम्मान वापस दिलाने का काम करेंगे।
कलसन ने कहा कि इस मामले में काफी समय से पैरवी कर रही दलित नेत्री कांता आलडिया व औघड़ पीर बाबा रमेश नाथ इस मामले में उनके साथ हो रहे जातीय उत्पीड़न को लेकर पुलिस प्रशासन व सरकार को लगातार शिकायतें कर रहे हैं लेकिन आज तक उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तथा हाल में ही रोहतक के उपमंडल अधिकारी नागरिक ने दफा 145 जाब्ता फौजदारी के तहत कब्जे में ली डेरे की जमीन को जाति विशेष की खाप व व उनके तथाकथित संतो के हवाले कर दिया है जो घोर निंदनीय है तथा इस गैरकानूनी फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी।
कलसन ने मांग की कि संतों की सम्मान की लड़ाई लड़ रही बहन कांता आलड़िया तथा ओगड़ पीर बाबा रमेश नाथ की जान को भारी खतरा है तथा वे इस मामले में भू माफिया के निशाने पर हैं। कभी भी उनके जानमाल को नुकसान पहुंचाया जा सकता है, इसलिए वे सरकार से मांग करते हैं कि तुरंत बहन जी व बाबाजी को वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। गौरतलब है कि कि पिछले कई सालों से दलित समाज के औघड़ पीर संप्रदाय के बाबा सूरत नाथ जो अब दिवंगत हो चुके हैं वह तथा उनकी पीठ के मौजूदा संत अरसा दराज से अपने सम्मान व हक की लड़ाई लड़ रहे हैं परंतु पुलिस प्रशासन तथा सरकार में बैठे लोगों की वजह से अब तक दलित समाज के संतो को उनका हक व सम्मान वापिस नहीं मिला है। तथा इस बारे में सन 1880 में लाहौर कमिश्नर भी दलित समाज के संतों के हक में फैसला दे चुके हैं। कलसन ने कहा कि इस बारे में जल्दी पूरे समाज की एक मीटिंग बुलाकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी तथा इसके साथ ही वह निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे तथा इसके साथ साथ सड़कों पर भी अपने हक व सम्मान के लिए लड़ाई लड़ेंगे इस मौके पर दलित राइट्स एक्टिविस्ट कृष्ण माजरा, अजय कुमार भाटला व अधिवक्ता दीपक सैनी मौजूद रहे।