रोहतक : संगीतमय श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित

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Great presentation of songs sung by Mohammad Rafi
Great presentation of songs sung by Mohammad Rafi

संजीव कुमार, रोहतक :

भारत के महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी शहीद उद्यम सिंह के शहादत दिवस तथा प्रसिद्ध गायक मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि पर आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) में संगीतमय श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस देशभक्ति संगीत संध्या में विशेष रूप से मोहम्मद रफी के गाए गीतों की शानदार प्रस्तुति दी गई। मदवि के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डा. शरणजीत कौर, कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा, माडल स्कूल की प्राचार्या डा. अरूणा तनेजा तथा डीन स्टूडेंट वेल्फेयर प्रो. राजकुमार ने विशेष रूप से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण कार्यालय के तत्वावधान में आयोजित इस संगीतमय कार्यक्रम का संयोजन निदेशक युवा कल्याण डा. जगबीर राठी ने किया। कार्यक्रम में मंच संचालन डा. जगबीर राठी के साथ प्रतिष्ठित उद्घोषक संपूर्ण सिंह बागड़ी ने किया। सहायक निदेशक युवा कल्याण डा. प्रताप राठी ने आयोजन सहयोग दिया।

मदवि के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने शहीद उद्यम सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राष्ट्र की आजादी के लिए शहीद उद्यम सिंह ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। कुलपति ने महान गायक मोहम्मद रफी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का प्रारंभ गया। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. राजकुमार ने स्वागत भाषण दिया तथा कार्यक्रम की पृष्ठभूमि रखी। संगीतमय कार्यक्रम के प्रारंभ में कोविड महामारी से त्रस्त जन-मान में उत्साहवर्धन करते हुए गीत- हौंसला न छोड़िए, दिन पहले आले आवेंगे की खूबसूरत प्रस्तुति विकास रोहिल्ला, नितिन तथा शीतल ने दी। शीतल ने- ए मेरे वतन के लोगों गीत की सुरीली प्रस्तुति देकर राष्ट्रभक्ति रस का संचार किया। संगीत संध्या में मदवि कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा तथा डीन स्टूडेंट वेल्फेयर प्रो. राजकुमार ने भी अपने सुरों की सरगम बिखेरी। कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने-लिखे जो खत तुझे, वो तेरी याद में, हजारों रंग के सितारे बन गए गीत की खूबसूरत प्रस्तुति से जहां समां बांधा, वहीं डीन स्टूडेंट वेल्फेयर प्रो. राजकुमार ने- कौन है जो सपनों में आया, कौन है जो दिल में समाया गीत की शानदार प्रस्तुति से कार्यक्रम में चार-चांद लगा दिए।

मदवि के प्रतिष्ठित एलुमनाई तथा विख्यात गायक कुमार विशु इस कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। कुमार विशु और उनकी बेटी स्वरांशी ने- जो वादा किया है, वो निभाना पड़ेगा, कितना प्यारा वादा है तथा दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जीगर, दिल में जगाया आपने आदि गीतों की एकल व युगल प्रस्तुतियां देकर उपस्थित जन को झूमा दिया। चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित पं सुरेश नायक तथा उनकी टीम ने संगीतमय प्रस्तुतियां कार्यक्रम में दी। आकाशवाणी के सेवानिवृत निदेशक डा. कैलाश वर्मा ने-छू लेने दे इन होठों को, सेवानिवृत प्रोफेसर डा. हुकम चंद ने-मैं कहीं कवि न बन जाऊं, डा. सौरभ वर्मा ने- मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू, सोमबीर तथा कविता ने- ये दिल तुम बिन लगता नहीं, मधु चौपड़ा ने तुम्हें जो भी देखे, परम चंदेल व जगबीर राठी ने-सात अजूब इस दुनिया के आठवीं अपनी जोड़ी, परम चंदेल ने ही-एक हसीना थी, राजेश बजाज ने-तू इस तरह से मेरी, डा. मुकेश वर्मा ने-अकेले हैं चले आओ, सतीश वत्स ने-आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले, विनय व शीतल ने- चुरा लिया है तुमने, सोमबीर ने परदा है परदा, विक्की ने क्या हुआ तेरा वायदा तथा डा. हरीश वशिष्ठ आदि ने अपने गीतों से उपस्थित जन को झंकृत कर दिया। इस अवसर पर मदवि के अधिकारीगण, प्राध्यापक, गैर शिक्षक कर्मी, विद्यार्थी एवं शहर के गणमान्यजन उपस्थित रहे।