संजीव कुमार, रोहतक :
नगर निगम पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है, क्योकि यहां पर बिना पैसे लिए दिए कोई काम नहीं होता है। इतना ही नहीं आला अधिकारी की लापरवाही के चलते लोग सूचनाएं पाने के लिए भी दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर है। सीएम विंडो पर डेढ साल से ज्यादा समय से भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ शिकायत देने के बावजूद भी अधिकारियों के खिलाफ कोई भी कारवाई नहीं की गई है। ताजा मामला उस वक्त सामने आया जब एक पीडित ने आरटीआई के माध्यम से गांव गढ़ी बोहर स्थित कुम्हार चौपाल के बारे में जानकारी मांगी। प्रजापति समाज के प्रधान राजपाल प्रजापति ने आरोप लगाया है कि उसने करीब डेढ साल पहले नगर निगम से चौपाल निर्माण के लिए एक हजार वर्गगज भूमि पर चौपाल बनाने के लिए किस समाज को जगह अलॉट की गई। साथ ही किस समाज को चौपाल के निर्माण के लिए निगमायुक्त द्वारा अनुमान तैयार किया गया।
निगमायुक्त द्वारा मारूती सुजुकी कम्पनी को किस समाज की चौपाल करवाने की अनुमति प्रदान की गई। वहीं चौपाल का कार्य पूरा होने के बाद इसका देख रेख व रख रखाव की जिम्मेदारी किस समाज को देनी थी के बारे में आरटीआई के माध्यम से नगर निगम रोहतक से जानकारी मांगी थी, लेकिन अभी तब प्रजापति समाज को इन चार बिंदुओं पर कोई भी जानकारी नगर निगम द्वारा नहीं दी गई है। प्राजपति समाज का आरोप है कि निगम के अधिकारी उन्हें सही जानकारी उपलब्ध नहीं करवा रहे है और बार बार उनके चक्कर कटवाए जा रहे है। करीब डेढ़ साल से वे नगर निगम के चक्कर काट चुके है, लेकिन अभी तक किसी भी बिंदू पर जानकारी नहीं दी गई। प्रधान राजपाल प्रजापति ने बताया कि सीएम विंडों भी नाम मात्र बनकर रह गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार सीएम विंडों पर शिकायत देने के बावजूद भी अभी तक लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं हुई है, जिसके चलते प्रजापति समाज में सरकार के प्रति भारी रोष है। उन्होंने चेताया कि अगर जल्द उन्हें आरटीआई द्वारा चौपाल की सही जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तो प्रजापति समाज नगर निगम कार्यालय में धरना शुरू कर देगा।